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सहायक शिक्षक भर्ती में छूटे छह हजार पदों पर होगी नियुक्ति

सहायक शिक्षक भर्ती में छूटे छह हजार पदों पर होगी नियुक्ति

Updated on: 24 Dec 2021, 10:10 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में छूटे छह हजार पद पाने के लिए संघर्ष कर रहे अभ्यर्थियों को सफलता मिल गई। प्रदेश सरकार ने आरक्षण विसंगति दूर कर चयन से वंचित रहे अभ्यर्थियों की भर्ती का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इनको भर्ती का आश्वासन मिलने के बाद अब 28 दिसंबर को चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी होगी। इतना ही नहीं इन सभी को छह जनवरी 2022 को नियुक्ति पर भी जारी कर दिया जाएगा। सरकार नई भर्ती के स्थान पर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर समायोजित करेगी।

ज्ञात हो कि भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के दौरान अभ्यार्थियों के हंगामें के बाद सरकार हरकत में आयी।

69,000 सहायक अध्यापक भर्ती का परिणाम जारी होने के बाद से पिछडे और अनुसूचित वर्ग के अभ्यर्थी नियमानुसार आरक्षण का लाभ नहीं मिलने का आरोप लगा रहे थे, अभ्यार्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी याचिका दायर की थी। आयोग ने बेसिक शिक्षा विभाग से मामले में जबाब तलब किया था, लेकिन विभाग ने भर्ती में आरक्षण निर्धारण को न्याय संगत बताया था। लेकिन अभ्यर्थियों ने विभाग से असहमत होते हुए आन्दोलन जारी रखा। अभ्यर्थी बीते कुछ महीनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय और ईको गार्डन पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

अभ्यार्थियों ने 17 दिसम्बर को अमित शाह की रैली में हंगामा व नारेबाजी करते हुए आरक्षण के अनुसार भर्ती कराने की मांग की थी। शाह की रैली में हंगामें के बाद सरकार हरकत में आई। केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी केंद्र सरकार से मामलें में दखल देकर अभ्यार्थियों को न्याय दिलाने की मांग की थी। विभाग ने भर्ती में दिये गए आरक्षण का परीक्षण करने के बाद पाया कि आरक्षण में विसंगति थी। विभाग ने अब विसंगति के कारण चयन से वंचित रहे 6 हजार अभ्यार्थियों को चयनित करने का निर्णय किया है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि 28 दिसम्बर को चयन सूची जारी की जाएगी और 6 दिसम्बर को नियुक्त पत्र वितरित किये जाएंगे।

ज्ञात हो कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी छह माह से राजधानी में आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सभी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की मांग कर रहे हैं।

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