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अनुच्छेद 370 हटाने का केंद्र का निर्णय सही... सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ये बोलीं तमाम राजनीतिक शख्सियतें

अनुच्छेद 370 पर सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद, तमाम राजनीतिक शख्सियतों ने इसपर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है.

Updated on: 11 Dec 2023, 04:22 PM

नई दिल्ली:

भारत की सर्वोच्च अदालत ने जम्मू कश्मीर से मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में शामिल, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बयान जारी किया कि, अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था, लिहाजा भारत में विलय के बाद जम्मू कश्मीर के पास आंतरिक संप्रभुता का अधिकार नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल कर, अगले साल 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का भी आदेश दिया है...

हालांकि अनुच्छेद 370 पर सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद, तमाम राजनीतिक शख्सियतों ने इसपर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है. साथ ही कटाक्ष करते हुए कहा है कि, केंद्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी शायद अब मुंबई, कोलकाता, चेन्नई को भी केंद्र शासित प्रदेशों में तबदील कर देगी.

कैसी रही राजनीतिक शख्सियतों की प्रतिक्रिया...

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है और जो विभाजन हुआ है राज्य, यह कश्मीर के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात है.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला आइडिया ऑफ इंडिया की हार है. उन्होंने कहा कि, हमें निराश नहीं होना चाहिए... जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं... अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान बताने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी हार नहीं है, बल्कि आइडिया ऑफ इंडिया की हार है...

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, वे देश के लोगों को धन्यवाद करती हैं कि वे इस (फैसले) का जश्न मना रहे हैं... आज जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया गया और सभी दुकानदारों को निर्देश दिया गया कि वे सुबह 10 बजे से पहले अपनी दुकानें नहीं खोलेंगे. हमें नजरबंद कर दिया गया है... यह एक राजनीतिक युद्ध है जो सदियों से चल रहा है और कई लोगों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है.

इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने फैसले का स्वागत किया है, उन्होंने कहा है कि हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव जल्द से जल्द होंगे. चुनाव से पहले अगर पीओके को शामिल किया जाता है तो यह कवायद पूरे कश्मीर में हो सकती है. वहीं कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के अंतिम सम्राट हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने भी इस फैसले का स्वागत किया और सभी से अपरिहार्य को स्वीकार करने का आग्रह किया.