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क्या LAC पर हुए विकास कार्यों से बौखलाया चीन, तवांग सेक्टर में झड़प का बना कारण!

भारत सरकार ने हाल के कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के नजदीक काफी विकास किया है. कई तरह कि परियोजनाएं चलाई हुई हैं.

Updated on: 14 Dec 2022, 12:09 AM

नई दिल्ली:

भारत सरकार ने हाल के कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के नजदीक काफी विकास किया है. कई तरह कि परियोजनाएं चलाई हुई हैं. इन परियोजनाओं को लेकर चीन पहले से ही आपत्ति जता रहा था. हाल ही में तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों की कार्रवाई को इस मुद्दे से भी जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि तवांग सेक्टर में LAC पर नौ दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच भिड़त देखने को मिली थी. इस टकराहट में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोट आई थी. जून 2020 के बाद यह इस तरह की दूसरी घटना है. इससे पहले लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे.

बुनियादी निर्माण में तेजी

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के कारण सरकार सीमा पर सतर्क है. इसके लिए बुनियादी निर्माण में तेजी की गई है. अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे और ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक प्रस्तावित सुरंग जैसी कई खास परियोजनाओं को चलाया जा रहा है.

अरुणाचल में चीन से सटी सीमा पर ज्यादा स​क्रियता बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने इसी माह के आरंभ में देशभर में हाइवे परियोजनाओं के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। इसमें से 44 हजार करोड़ रुपये केवल अरुणाचल के विकास के कामों के लिए रखा.