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धार्मिक उन्माद और वोटों का ध्रुवीकरण पैटर्न वाला बुलंदशहर हिंसा: शिवसेना

सामना ने अपने संपादकीय में इशारों-इशारों में पूछा है कि गो हत्या का 'संशय पिशाच' लोगों की गर्दन पर बैठाकर धार्मिक उन्माद का और वोटों के ध्रुवीकरण का वही रक्तरंजित 'पैटर्न' फिर से चलाने की कोशिश शुरू है क्या?

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Deepak Kumar
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धार्मिक उन्माद और वोटों का ध्रुवीकरण पैटर्न वाला बुलंदशहर हिंसा: शिवसेना

शिवसेना का बीजेपी पर हमला

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बुलंदशहर हिंसा की घटना को लेकर महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की 80 सीटें 2019 में भी बीजेपी के लिए 'गेम चेंजर' होने वाली हैं. सामना ने अपने संपादकीय में इशारों-इशारों में पूछा है कि गो हत्या का 'संशय पिशाच' लोगों की गर्दन पर बैठाकर धार्मिक उन्माद का और वोटों के ध्रुवीकरण का वही रक्तरंजित 'पैटर्न' फिर से चलाने की कोशिश शुरू है क्या?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, 'बुलंदशहर में एक तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सोमवार को उसका अंतिम दिन था. उसी समय गो हत्या की अफवाह फैली और जो होना था, वही हुआ. हमारे देश के खेतों में फसलें कई कारणों से नहीं उगतीं लेकिन अफवाह की फसल लहलहाकर आती है. ऊपर से इन अफवाहों के बाजार में अपना हाथ धोनेवाले सही-सलामत छूट जाते हैं.'

बता दें कि बुलंदशहर हिंसा की घटना को लेकर पुलिस फ़िलहाल जांच में जुटी है. हालांकि मुख्य आरोपी योगेश राज अब तक फरार है. वहीं मृतक इंस्पेक्टर की बहन ने सुबोध कुमार की हत्या में पुलिस साज़िश की आशंका व्यक्त की है.

अख़लाक़ मामले का ज़िक्र करते हुए सामना ने लिखा, '2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में हुई अख़लाक़ हत्या की तफ्तीश सुबोध कुमार सिंह ने ही की थी. गो मांस रखने के संदेह के चलते उस समय भीड़ ने अखलाख की निर्मम हत्या कर दी थी. उस मामले के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सुबोध कुमार ने सख्त भूमिका अपनाई थी, ऐसा अब कहा जा रहा है. ऐसे में बुलंदशहर का उत्पात, उसमें सुबोध कुमार की चढ़ी बलि और अखलाख मामले में हुई कार्रवाई का एक-दूसरे से संबंध है क्या ऐसा सवाल अब पूछा जा रहा है.''

सामना में आगे लिखा है कि, "इस हिंसाचार के कंधे पर बंदूक रखकर किसी ने किसी का 'गेम' किया है क्या? अब ऐसे कई सवाल किए जा रहे हैं. जिस सुबोध कुमार सिंह नामक पुलिस अधिकारी की इस हिंसाचार में बलि चढ़ी है, उसके भाई और बहनों ने कई आरोप लगाए हैं.''

और पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा पर बैठक, सीएम योगी ने मृतक सुमित के परिवारवालों को 10 लाख मुआवजा देने का किया ऐलान

लोकसभा चुनाव का ज़िक्र करते हुए सामना में लिखा है, "उत्तर प्रदेश की 80 सीटें 2019 में भी बीजेपी के लिए 'गेम चेंजर' होनेवाली हैं. उसी के लिए गो हत्या का 'संशय पिशाच' लोगों की गर्दन पर बैठाकर धार्मिक उन्माद का और वोटों के ध्रुवीकरण का वही रक्तरंजित 'पैटर्न' फिर से चलाने की कोशिश शुरू है क्या? आखिरकार सवाल उत्तर प्रदेश की 80 सीटों का और केंद्र के सत्ता सोपान का है.''

Source : News Nation Bureau

Shiv Sena Bulandshahr violence BJP
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