धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को लेकर मोदी-पटनायक सरकार में घमासान

पटनायक धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी की मांग को लेकर दिल्ली के टालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी के धरना में आए और वादे पूरे नहीं करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की.

पटनायक धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी की मांग को लेकर दिल्ली के टालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी के धरना में आए और वादे पूरे नहीं करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की.

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Deepak Kumar
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धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को लेकर मोदी-पटनायक सरकार में घमासान

नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा

ओडिशा में धान किसानों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच घमासान बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजू जनता दल (BJD) सुप्रीमो और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक धान की कीमतों के मुद्दे को लेकर दिल्ली में अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़कर 'अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे' हैं.

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इससे पहले पटनायक धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी की मांग को लेकर दिल्ली के टालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी के धरना में आए और वादे पूरे नहीं करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की. पटनायक ने कहा, 'BJP ने 2014 की घोषणा पत्र में धान किसानों को न्यूनतम समर्थन मुल्य देने का वादा किया था लेकिन अब तक इन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया. आज हमने इसी मुद्दे पर तालकटोरा स्टेडियम में चर्चा किया और इस संबंध में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है.'

जिसके बाद पटनायक पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि BJD प्रमुख स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशों को उद्धृत करते हुए केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं, लेकिन इससे अनजान हैं कि रिपोर्ट लिखने वाले एम एस स्वामिनाथन ने कृषि से आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार के उपायों की सराहना की है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए प्रधान ने कहा कि उन्होंने वही कहा जो उनके ‘अनभिज्ञ’ सलाहकारों ने उन्हें बताया, क्योंकि वह अधिकतर लिखित बयान पढ़ रहे थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और ओडिशा में धान की खरीद के लिए अब तक मंडी नहीं खोले गए हैं.

उन्होंने कहा, 'BJD का मिल मालिकों के साथ सांठगांठ है इसलिए अब तक मंडी नहीं खोले गए हैं. राज्य के किसानों को 1,100 से 1,200 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इधर-उधर अपना धान बेचना पड़ रहा है.'

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प्रधान ने कहा, 'अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने नयी दिल्ली में प्रदर्शन किया. लेकिन, वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. उन्हें जवाब देना चाहिए कि मंडी क्यों नहीं खोली गयी है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 1750 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी के हिसाब से धान की खरीद क्यों नहीं हो रही.'

Source : News Nation Bureau

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