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उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों की क्षमता निर्माण के लिए देशव्यापी इकोसिस्टम : धर्मेद्र प्रधान

उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों की क्षमता निर्माण के लिए देशव्यापी इकोसिस्टम : धर्मेद्र प्रधान

Updated on: 17 May 2022, 10:50 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने मंगलवार को उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत तंत्र से संबंधित रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षकों के शिक्षण के विकास के लिए देशभर में सक्षम इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से मालवीय मिशन का विचार प्रस्तुत किया। इस मिशन के जरिए उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को बेहतर ट्रेनिंग एवं प्रशिक्षण मुहैया कराया जा सकता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षकों के कौशल को उन्नत करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा शिक्षकों के शिक्षण पर ध्यान केंद्रित किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारतीय मूल्यों, भाषाओं, ज्ञान, लोकाचार और परंपराओं पर ध्यान देते हुए शिक्षकों के शिक्षण के प्रति एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

वहीं सरकारी अधिकारियों के कौशल को निखारने के लिए कौशल विकास मंत्रालय ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी की है। यह क्षमता निर्माण और सरकारी कर्मचारियों की मानसिकता, कार्यप्रणाली तथा कौशल सेट के आधुनिकीकरण की दिशा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण करना है।

मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी प्रभागों के कुल 120 अधिकारी (30 अधिकारी प्रति बैच) आईएसबी हैदराबाद और मोहाली परिसरों में पांच दिवसीय गहन आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। 30 अधिकारियों के पहले समूह (बैच) ने दीक्षांत समारोह के साथ आईएसबी मोहाली परिसर से अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों के कौशल निर्माण के लिए अधिकारियों के मिश्रित बैच के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना है। इसमें एमएसडीई, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के प्रधानाचार्यो, सेक्टर कौशल परिषदों, सीईओ, राज्य कौशल मिशन निदेशकों और जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के अधिकारी शामिल हैं। मंत्रालय और आईएसबी के बीच सहमति पत्र पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

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