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नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एजेंसियों के बीच डेटा के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नेशनल डेटा गवर्नेस फ्रेमवर्क के महत्व पर जोर दिया।
अपने आखिरी दिन अखिल भारतीय डीजीपी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया, जो तीन दिवसीय सम्मेलन 20 जनवरी से शुरू हुआ था।
उन्होंने आगे पुलिस बल को अधिक संवेदनशील बनाने और उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि जहां हमें बायोमेट्रिक्स जैसे तकनीकी समाधानों का और अधिक लाभ उठाना चाहिए, वहीं पारंपरिक पुलिस तंत्र जैसे पैदल गश्त आदि को और मजबूत करने की भी जरूरत है।
उन्होंने राज्यों में पुलिस संगठनों के लिए अप्रचलित आपराधिक कानूनों और निर्माण मानकों को निरस्त करने की सिफारिश की और जेल प्रबंधन में सुधार के लिए जेल सुधारों का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों के बार-बार दौरे आयोजित करके सीमा के साथ-साथ तटीय सुरक्षा को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
उन्होंने उभरती चुनौतियों पर चर्चा करने और उनकी टीमों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने के लिए राज्य और जिला स्तरों पर डीजीपी और आईजी सम्मेलन के मॉडल को दोहराने का सुझाव दिया।
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