गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद छात्रों और मजदूर से खाली कराया जा रहा मकान, SC में लगाई गई गुहार

कोरोना महामारी में लॉकडाउन के कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने माकन मालिकों को जबरन किराया नहीं लेने की अपील की थी. इसके बावजूद कई जगह मकान मालिक छात्रों और मजदूरों को जबरन घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं.

कोरोना महामारी में लॉकडाउन के कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने माकन मालिकों को जबरन किराया नहीं लेने की अपील की थी. इसके बावजूद कई जगह मकान मालिक छात्रों और मजदूरों को जबरन घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं.

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nitu pandey
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना महामारी में लॉकडाउन (Lockdown) के कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने माकन मालिकों को जबरन किराया नहीं लेने की अपील की थी. इसके बावजूद कई जगह मकान मालिक छात्रों और मजदूरों को जबरन घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं. जिसके खिलाफसुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में याचिका दाखिल की गई है.

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अर्जी में कहा गया केंद्र सरकार ने एडवाइजरी कर साफ किया था कि लॉकडाउन के दौरान किराया चुकाने में असमर्थ लोगों पर किराया देने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता. इसके बावजूद मकान मालिक परेशान कर रहे है. किराया न देने की सूरत में उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे है.

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सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन प्रकाश पाठक और कुछ छात्रों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि सरकार ने लॉकडाउन का आदेश रखा है. जिसकी वजह से तमाम आर्थिक गतिविधियों को बंद किया गया है. प्रत्येक परिवार वित्तीय संकट से जूझ रहा है. लॉकडाउन की वजह से सारा काम ठप है.ये तमाम स्टूडेंट घर से दूर हैं और पढ़ाई कर रहे हैं. ये ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट हैं और किराये के घर में रह रहे हैं. ऐसे स्टूडेंट या तो मध्यम वर्ग हैं या गरीब हैं. ज्यादातर स्टूडेंट अपना खर्चा प्राइवेट ट्यूशन से निकालते हैं. फिर भी मकान मालिक किराया मांग रहा है.

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बता दें कि गृह मंत्रालय ने 29 मार्च 2020 को आदेश पारित किया था कि कोई भी मकान मालिक किसी भी किराएदार उनसे किराया वसूलने के लिए दबाव नहीं डालेंगे. 

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