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सुप्रीम कोर्ट की मंशा के बाद भी 73 फीसद लोग बोले- कृषि बिल ना हो वापस

कृषि कानून (Agriculture Law) पर लोगों का मानना है कि इस बिल पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए. लोगों की राय है कि केंद्र को इस बिल को वापस नहीं लेना चाहिए.

Updated on: 11 Jan 2021, 02:48 PM

नई दिल्ली:

कृषि कानून (Agriculture Law) पर जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर भले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र की फटकार लगाई हो लेकिन देश की जनता सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आ रही है. लोगों का मानना है कि इस बिल पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए. लोगों की राय है कि केंद्र को इस बिल को वापस नहीं लेना चाहिए. 

न्यूज नेशन ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के बाद लोगों से उस मुद्दे पर राय जाननी चाही. लोगों से सवाल पूछा गया कि किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में किरकिरी के बाद क्या मोदी सरकार को कानून पर रोक लगानी चाहिए? इस सवाल पर अधिकांश लोगों की राय थी कि बिल को वापस नहीं लिया जाना चाहिए. सवाल पूछने के करीब 45 मिनट में ही डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने इस पर अपनी राय दी. 25 फीसद लोगों को कहना था कि सरकार को इस बिल पर रोक लगा देनी चाहिए जबकि 73 फीसद लोगों का कहना था कि बिल पर रोक नहीं लगनी चाहिए. 

सोशल मीडिया पर इस बिल का विरोध हो रहा है तो एक तबका इस बिल का खुलकर समर्थन कर रहा है. लोग सोशल मीडिया पर बिल के फायदे बता रहे हैं. कुछ लोगों ने बिल लागू होने के बाद होने वाले फायदे पर अपने अनुभव भी साझा किए हैं. गौरतलब है कि बिल का सबसे अधिक विरोध पंजाब में हो रहा है. वहीं अगर अन्य राज्यों की बात करें तो खुद किसानों ने बिल का समर्थन किया है.  

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दरअसल कृषि बिल को लेकर किसानों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि बिल को लागू करने से पहले किससे सलाह ली गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस बिल को लेकर जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर कमेटी गठित करने का भी सुझाव दिया. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि जब तब मामले का हल नहीं निकलता तब तक इस बिल को अमल में ना लाया जाए.