लॉकडाउन (Lockdown) के बावजूद भारत में बीते तीन दिनों में कुल संक्रमण के मामलों में लगभग 50 फीसदी तेजी देखने में आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लॉकडाउन नहीं लागू होता तो कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमित लोगों समेत मृतकों की संख्या कहीं अधिक होती. उस भयावह स्थिति की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती. हालांकि इस बीच एक खबर आ रही है, जो पेशानी पर बल डालने वाली है. भारत कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए चीन (China) से वेंटीलेटर्स, फेस मास्क समेत आई गियर सरीखे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदने जा रहा है. यह तब है जब यूरोप के कई देशों ने इन सभी चीनी उत्पादों में गंभीर खामी पाई है और इसके प्रति विरोध दर्ज कराया है.
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भारत टेस्टिंग किट छोड़ बाकी खरीदी करेगा चीन से
गौरतलब है कि भारत समेत दुनिया भर में फैले चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस के कारण विश्व की एक-तिहाई से अधिक आबादी अपने-अपने घरों में 'कैदी' सरीखा जीवन जी रही है. यही नहीं, संक्रमितों और मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. इस बीच खबर है कि भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदेगा. हालांकि इस लिस्ट में टेस्टिंग किट शामिल नहीं होगी, जिसमें कुछ देशों ने खामी पाई है. गौरतलब है कि चीन ने स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को टेस्टिंग किट सप्लाई की थीं जिन्हें दोषपूर्ण पाया गया है. वहीं, फिलीपींस ने टेस्टिंग किट के खराब होने की शिकायत की है.
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1703 हुए संक्रमित, 38 मृत
बता दें कि भारत में अभी कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 1600 है, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में ये आंकड़ा 1703 पार कर गया है. वहीं, कोरोना वायरस से अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि 130 करोड़ की आबादी वाला आने वाले दिनों में कोरोना की और तबाही देखेगा, क्योंकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर है. ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरस्त करना और इस वायरस से संक्रमण से बचने के उपाय खोजना बहुत जरूरी है. ऐसे में रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत तत्काल चीन से एन-95 मास्क और वेंटिलेटर जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल उपकरण खरीदने पर विचार कर रहा है. एन-95 मास्क और PPE के उत्पादन को बड़े पैमाने पर झटका लगा है क्योंकि इन्हें बनाने के लिए जरूरी कंपोनेंट चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किए जाते हैं.
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38 मिलयन फेस मास्क की जरूरत
जानकारों के मुताबिक, भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से वायरस के संक्रमण में कमी आएगी लेकिन इसे रोका नहीं जा सकता. ये भी कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के पूरे आंकड़े भारत के पास नहीं है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमण की जांच नहीं हुई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में रविवार तक 35 हजार लोगों के संक्रमण की जांच हुई थी. भारत की आबादी के लिहाज से ये काफी कम है. मौजूदा हाल में भारत को 38 मिलियन मास्क और 6.2 मिलयन सुरक्षात्मक चिकित्सकीय उपकरणों की आवश्यकता है.
HIGHLIGHTS
- भारत को 38 मिलियन मास्क और 6.2 मिलियन सुरक्षात्मक चिकित्सकीय उपकरणों की जरूरत.
- इस कमी को दूर करने के लिए टेस्टिंग किट छोड़ बाकी सब चीन से खरीदेगा भारत.
- चीन ने स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को टेस्टिंग किट दी थीं जिन्हें दोषपूर्ण पाया गया.