Desh Ki Bahas : क्या नागरिक अधिकारों के खिलाफ फतवों का इलाज UCC है?
दारूल उलूम के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है. NCPCR ने दारूल उलूम पर लोगों को भ्रमित करने वाला फतवा जारी करने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली:
दारूल उलूम के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है. NCPCR ने दारूल उलूम पर लोगों को भ्रमित करने वाला फतवा जारी करने का आरोप लगाया है. दारूल उलूम देवबंद की ओर से जारी एक फतवा में कहा है कि गोद लिए बच्चे को असल बच्चे जैसे अधिकार नहीं मिल सकते हैं. इसे लेकर NCPCR ने कहा कि इस तरह के फतवे कानून के खिलाफ हैं. क्या नागरिक अधिकारों के खिलाफ फतवों का इलाज UCC है? न्यूज नेशन पर देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- फतवे के खिलाफ NCPCR डीएम और एसपी को कार्रवाई के लिए कहा है : प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, NCPCR
- NCPCR के पास जो अधिकार है उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे : प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, NCPCR
- ये खुद तो आधुनिक समाज की हर चीजें यूज करेंगे, लेकिन यहां के लोगों को 1400 साल पहले ले जाते हैं : अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट
- इस्लाम में दाढ़ी बनाना हराम है : अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट
- संविधान कहता है कि शादी विवाह की उम्र, गुजारा भत्ता एक होना चाहिए : अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट
- संविधान का मतलब होता है सामान विधान, जो सबपर लागू हो : अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट
- धर्म-अधर्म में अंतर है : अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट
- आधुनिक समाज में फतवा के लिए कोई जगह नहीं है : प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
- मां-बेटे के बीच ये फतवा धब्बा थोपता है : प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
- भारतीय संस्कृति और भारतीय अध्यात्म में किसी शंकराचार्य को फतवा जारी करने का अधिकार नहीं है : प्रो. संगीत रागी, राजनीतिक विश्लेषक
- 18 साल की लड़कियों का लव जिहाद करके जबरन विवाह किया जाता है : विजय शंकर तिवारी, प्रवक्ता, VHP
- ये देश सिर्फ संविधान से चलेगा : मौलाना अली कादरी, चेयरमैन, SAWS एकेडमी
- स्कूलों में लड़कों को पिटना गलत नहीं है : मौलाना अली कादरी, चेयरमैन, SAWS एकेडमी
- इस्लाम का कानून नहीं बदल सकता है : मौलाना अली कादरी, चेयरमैन, SAWS एकेडमी
- देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड कभी नहीं आ सकता है : मौलाना अली कादरी, चेयरमैन, SAWS एकेडमी
- फतवा क्या है पहले ये समझने की जरूरत है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- किस वजह से फतवा जारी किया जाता है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- गोद लिए बच्चे से ब्लड रिलेशन नहीं होता है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- इस्लाम किसी को कुछ भी करने के लिए रोकता नहीं है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
- मुसलमान भी संविधान को मानता है : विवेक श्रीवास्तव, नेता, लेफ्ट
- मुस्लिम महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं : विवेक श्रीवास्तव, नेता, लेफ्ट
- इस देश का मुसलमान प्रोग्रेसिव है और अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा रहे हैं : विवेक श्रीवास्तव, नेता, लेफ्ट
- कोई पढ़ा-लिखा मुसलमान फतवा नहीं मानेगा : विवेक श्रीवास्तव, नेता, लेफ्ट
- फतवा के खिलाफ NCPCR के स्टैंड का मैं सराहना करता हूं : डॉ. दक्षा शर्मा, दिल्ली, दर्शक
- एक देश एक कानून होना चाहिए : अराधना मिश्रा, हरदोई, दर्शक
- फतवा जारी करना कानून का उल्लंघन है : अराधना मिश्रा, हरदोई, दर्शक
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