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देश की बहस में देखें संसद में जोरदार हंगामे से सारी मर्यादा कैसे टूटी?

आज देश की बहस में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ देखिए कैसे विपक्ष ने मॉनसून सत्र के पहले दिन संसद में हंगामा कर व्यवधान डाला. कैसे इस हंगामे की वजह से संसद की मर्यादा तार-तार हुई.

Updated on: 19 Jul 2021, 11:31 PM

नई दिल्ली :

आज देश की बहस में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ देखिए कैसे विपक्ष ने मॉनसून सत्र के पहले दिन संसद में हंगामा कर व्यवधान डाला. कैसे इस हंगामे की वजह से संसद की मर्यादा तार-तार हुई. संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session 2021) शुरू हो गया है. मानसून सत्र में जहां सरकार कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में उतरी थी, लेकिन विपक्ष कोरोना से निपटने और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की बातों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. संसद के मानसून सत्र का आगाज विपक्ष के हंगामे के साथ हुआ. सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम, किसान आंदोलन और पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी के मामलों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष ने पीएम मोदी के संबोधन को भी सही से नहीं सुना और हंगामा करते रहे. देश की बहस टीवी डिबेट शो के दौरान आए मेहमानों ने क्या कुछ कहा आइए आपको बताते हैं.

हम तो जमीन से जुड़े हुए प्रश्न पूछना चाहते थेः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
हम कोविड, किसानों से जुड़े मुद्दे पर प्रश्न पूछना चाहते थेःडॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
ये लोकतंत्र में नहीं होना चाहिए, आपको सबकी बात सुननी चाहिएः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
आप वैक्सीन की बात करते रहते हैं उस पर चर्चा नहीं करतेःडॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस

संसद के मॉनसून सत्र का प्रथम दिन था जब विपक्ष ने हंगामा किया तो मैं वहां मौजूद थीः अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
विपक्षी दलों ने जिस तरह हंगामा किया था वो संसद का अपमान थाः अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
जिस तरह से विपक्ष ने प्रधानमंत्री के सामने हंगामा किया वो असहिष्णु थाःअपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी 
प्रधानमंत्री जी अपने नए मंत्रियों का परिचय देश के सामने करवाना चाहिएःअपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
पूरे विपक्ष को इस कृत्य पर माफी मांगनी चाहिएः अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
प्रधानमंत्री का अधिकार है कि वो अपने मंत्रिमंडल का परिचय करवाएं:अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
इस मंत्रिमंडल में 36 नए मंत्री हैं जो कि दलित हैं ग्रामीण समुदाय से हैं महिलाएं हैं:अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
कौन से देश का प्रधानमंत्री ऐसा होगा जो सादर ये कहे कि हम किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं:अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
यह सरकार संवेदनशील है ये सरकार पारदर्शी हैःअपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
मुझे लगता है कि कांग्रेस और विपक्षी दलों को इसी कृत्य के लिए जनता ने नकार दिया हैः अपराजिता सारंगी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी

उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि साल 2013 में उन्होंने भी यही किया थाः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अपने मंत्रिमंडल का परिचय करवाना चाहते थे तब इन्होंने भी यही किया थाःडॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
बहुत शर्मनाक बात है कि किसान पिछले काफी समय से खड़े हैं, लड़ रहे हैं अपने हक के लिएः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
साल 2013 में जब स्वर्गीय अरुण जेटली और स्वर्गीय सुषमा जी ने संसद नहीं चलने दिया था वो शर्मनाक नहीं थाः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
आप तो बड़ी बड़ी बातें करते हो कि हम कोविड के लिए तैयार हैं, किसानों के लिए तैयार हैं लेकिन जब बात करो तो आप जवाब नहीं देतेः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
पहली महिला स्पीकर, पहली महिला राष्ट्रपति कांग्रेस लेकर आई थीः डॉ अमी याज्ञनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस

मुझे लगता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के रोल बदल गए हैं: आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
2012 में 75 प्रतिशत संसद का कार्यकाल बर्बाद हो गया थाः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
जो टूल विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी इस्तेमाल करती थी वही अब विपक्ष कर रहा हैः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
देश में जब इतने सारे सवाल हैं तो देश के प्रधानमंत्री को चर्चा करनी चाहिएः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
जब ये सत्ता में रहते हैं तो इनका रोना होता है कि संसद नहीं चलने दी जा रही हैः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
और जब ये विपक्ष में रहते हैं तो ये खुद ही संसद नहीं चलते देते हैं : आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
मौजूदा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इतना गैप है कि वो एक दूसरे को दुआ बंदगी भी नहीं करते हैं: आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार

संसद में जिस तरह से आज हंगामा हुआ पीएम को बोलने का मौका तक नहीं दिया गया ये गलत हुआः हिमानी भाटिया, दर्शक
चाहे विपक्ष कितने भी तीखे से तीखे सवाल पूछे सरकार को जवाब देना चाहिए लेकिन वो हंगामा करने लगेः हिमानी भाटिया, दर्शक

ये सरकार की जिम्मेदारी है कि संसद कैसे चलेः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
आज यही बात सरकार से पूछा जाए कि साल 2012 में आपने क्या कियाः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
चूंकि वो सत्ता पक्ष में हैं इसलिए वो विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं: आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार होती थी तब दोनों पक्षों में काफी अच्छे रिश्ते होते थेःआशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
लेकिन आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बड़ी खाई हैः आशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार
मुझे नहीं लगता है कि राहुल गांधी और पीएम मोदी के बीच कभी बातचीत होती होगीःआशुतोष, वरिष्ठ पत्रकार

सदन चलाना निश्चित रूप से सरकार की जिम्मेदारी हैः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार
लेकिन अगर विपक्ष तय कर ले कि सदन नहीं चलने देना है तो कोई कुछ नहीं कर सकता हैः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार
2012 में यही मॉनसून सत्र था जिसे बीजेपी ने एक दिन भी नहीं चलने दिया थाः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार
पहली बार जब कोई सत्र शुरू होता है तो सबसे पहले एक सर्वदलीय बैठक होती हैः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार
इस बैठक में ये तय होता था कि सत्र में कौन से बिल पास होने हैं और किन मुद्दों पर चर्चा होनी हैः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार
विपक्ष अगर ये चाह ले कि हम संसद नहीं चलने देंगे तो सरकार कुछ नहीं कर पाएगीः राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार

ये पहली बार नहीं हुआ कि संसद नहीं चल पायाः गुरुदीप सिंह सप्पल, राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
2004 में संसद का पहला दिन था जब मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री बनकर आए थेः गुरुदीप सिंह सप्पल, राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
इस दिन विपक्ष यानि की बीजेपी ने संसद नहीं चलने दी थी, 2012 में भी इन्होंने यही कियाः गुरुदीप सिंह सप्पल, राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
बीजेपी अपने दिन भूल गई कि उन्होंने क्या किया थाः गुरुदीप सिंह सप्पल, राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस

ये जो संसद नहीं चलने दी गई विपक्ष को समझना चाहिए कि इसमें जनता का बड़ा नुकसान होता हैः चंद्रमोहन शर्मा, दिल्ली, दर्शक
संसद को नहीं चलने देने से आम आदमी का ही नुकसान होता हैः चंद्रमोहन शर्मा, दिल्ली, दर्शक


पहली बार दलित और ओबीसी वर्ग के इतने सारे मंत्री आए थे विपक्ष को हंगामा नहीं करना चाहिए थाः आरपी सिंह राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
अगर आपको किसानों की बात करनी है तो नए कृषि राज्यमंत्री से परिचय तो होने देतेः आरपी सिंह राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
अगर आपको आईटी के मुद्दे पर बात करनी थी तो नए आईटी मिनिस्टर से तो परिचय हो जाने देतेः आरपी सिंह राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी

इसमें कोई दुविधा की बात नहीं है कि सदन चलाना प्रथम जिम्मेदारी सरकार और उसके बाद विपक्ष कीः संजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार
जितना विपक्ष की तरफ संवाद बढ़ाना इस सरकार ने परित्याग किया है उतना कभी नहीं रहा हैः संजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार
भले ही आज विपक्ष की संख्या कम है फिर भी आपको उनका सम्मान देना चाहिए ताकि संसद की भी गरिमा बनी रहेः संजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार

कोरोना की दूसरी लहर के बाद संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन थाः संजू शर्मा, ग्वालियर, दर्शक
मेरा सवाल सरकार से ये है कि आज पेट्रोलियम की कीमतें आसमान छू रही हैं क्यों:संजू शर्मा, ग्वालियर, दर्शक 
मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमतें 112 रुपये के ऊपर जा रही है लेकिन जब एक देश एक कानून की बात हो तो ऐसा क्यों हैःसंजू शर्मा, ग्वालियर, दर्शक