रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 5000 रुपये तक ही पुराने नोट बैंक में जमा कराये जाने संबंधी अपने फैसले को वापस ले लिया है। आरबीआई ने 19 दिसंबर को जारी अपने सर्कुलर में बैंक में एक साथ 5000 रुपये तक जमा कराने की सीमा तय की थी। अब बैंकों में 5000 रुपये से अधिक पैसे जमा कराने पर बैंक अधिकारी पूछताछ नहीं करेंगे।
आरबीआई ने कहा था, '30 दिसंबर, 2016 से पहले किसी भी बैंक खाते में 5,000 रुपये से अधिक के पुराने नोट सिर्फ एक बार ही जमा किए जा सकते हैं। ऐसा करते हुए भी पुराने नोट जमा कराने वाले व्यक्ति को बैंक के दो अधिकारियों के सामने बताना होगा कि उसने अब तक ये नोट जमा क्यों नहीं किए।'
आरबीआई के इस फैसले के बाद आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिसके बाद आरबीआई ने फैसले को वापस लिया है।
आरबीआई द्वारा फैसले वापस लिए जाने के बाद कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 'रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया' बन चुका है। नोटबंदी के बाद पिछले 43 दिनों में 126 बार नियम बदले गये हैं।'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये पर प्रतिबंध की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 30 दिसंबर तक पुराने नोट जमा करा सकते हैं। लेकिन आरबीआई द्वारा 5000 रुपये की सीमा तय किये जाने से लोग परेशान थे।
HIGHLIGHTS
- अब 5000 से अधिक पुराने नोट जमा कराने पर भी पूछताछ नहीं करेगा बैंक
- RBI ने पहले कहा था, 5 हजार रु. से अधिक पुराने नोट जमा कराने पर बैंक करेगा पूछताछ
Source : News Nation Bureau