मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) कड़ा रुख अख्तियार करती दिख रही है। कांग्रेस नेता केवी थॉमस के नेतृत्व वाली पीएससी नोटबंदी के मसले पर वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर सकती है। सूत्रों ने कहा, 'पीएसी वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को बजट सत्र के बाद तलब कर सकती है।'
इससे पहले पीएसी के सामने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल पेश हुए थे। जिससे पीएसी संतुष्ट नहीं है। यह खबर आती रही है कि पीएसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। हालांकि अब पीएसी ने साफ कर दिया है कि वह प्रधानमंत्री को तलब नहीं करेगी।
थॉमस ने पिछले दिनों कहा था कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, 'मैं उनसे मिला था तब पीएम ने कहा था कि 50 दिन बाद दिसंबर अंत में स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं दिखता है।
उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री अपने गलत निर्णय को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने 2000 रुपए का नोट जारी कर बड़ी ही संवेदनहीनता के साथ यह कदम उठाया।
पीएसी जानना चाहती है कि नोटबंदी के बाद कितना पैसा बैंकों में आया है? क्या ऐसा कोई कानून है जो लोगों को अपने ही धन तक पहुंचने से रोक सकता है? अर्थव्यवस्था में वापस कितना धन डाला गया है?
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HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को बजट सत्र के बाद तलब कर सकती है पीएसी
- नोटबंदी के मसले पर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को तलब कर चुकी है पीएसी
- नोटबंदी से हुए फायदे और नुकसान को जानना चाहती है संसद की समिति
Source : News Nation Bureau