मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर एक्सपर्ट्स की राय बंटी है। इस बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'अस्थायी आर्थिक मंदी' की ओर इशारा किया है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा है कि नोटबंदी से गरीबों की परेशानियां बढ़ी है। उन्होंने कहा, 'नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे अस्थायी आर्थिक मंदी संभव है।'
राष्ट्रपति ने देश भर के राज्यपालों और उपराज्यपालों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि पीएम के पैकेज से राहत की उम्मीद है।
राष्ट्रपति ने कहा, 'गरीबों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशें हो रही हैं और संभवत: नोटबंदी से लंबे समय में गरीबों को फायदा होगा।' उन्होंने कहा 'उन्हें संदेह है कि गरीब इतना लंबा इंतजार कर सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से मदद मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि वे भूख, बेरोजगरी और शोषण रहित भारत की ओर अग्रसर हो सकें।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध की घोषणा की थी। जिसके बाद कथित तौर पर 100 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी है। कई अर्थशास्त्रियों ने दावा किया है कि जीडीपी में गिरावट दर्ज की जाएगी।
पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2016-17 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.6 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था।
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HIGHLIGHTS
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, नोटबंदी से गरीबों की परेशानियां बढ़ी
- राष्ट्रपति ने कहा, नोटबंदी से 'अस्थायी आर्थिक मंदी' संभव
- मुखर्जी ने कहा कि नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी
Source : News Nation Bureau