बाज़ार में अब भी है कैश की कमी, पैसे के लिए बैंक और ATM की कतारों में जूझ रहे हैं लोग

नोटबंदी की आंच अब आपके रसोईघर तक पहुँचने ही वाली है।

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ashish bhardwaj
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बाज़ार में अब भी है कैश की कमी, पैसे के लिए बैंक और ATM की कतारों में जूझ रहे हैं लोग

फाइल फोटो

500 और 1000 के पुराने नोट बंद होने के बाद देश के हर हिस्से में पैसे निकालने के लिए बैंकों और एटीएम के आगे खड़ी भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच लोगों की परेशानियों को फिर से साझा करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कैश निकालने के लिए मुंबई के वकोला में एक एटीएम पर पहुंचे।

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एटीएम से पैसे निकालने के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मैंने राज्य सरकार से अपील की है कि लोगों की कैश की समस्या को खत्म करने के लिए कदम उठाए।

8 नवंबर को नोटबंदी के बाद राहुल गांधी अचानक दिल्ली के एक बैंक में पुहंच गए थे और कतार में लगकर अपनी बारी आने पर पैसे निकाले थे। नोटबंदी के बाद से ही पीएम मोदी कांग्रेस और राहुल गांधी के निशाने पर रहे हैं।

नोटबंदी के आठवें दिन भी बाजार में कैशी की कमी के बीच 16 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में राज्सभा में कांग्रेस ने पीएम मोदी के फैसले पर सवाल उठाए और तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंंने कभी सर्जरी नहीं की वो आज सर्जन बने हुए हैं।

वहीं दूसरी तरफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया जिसमें उनका साथ एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसदों ने भी दिया। बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को गरीब विरोधी बताते हुए कहा मोदी सिर्फ कुछ लोगों के लिए काम कर रहे हैं।

दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला भी शुरू हो चुका है और इसी को लेकर सोमवार को दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि ऐसे में जब लोगों के पास पैसे ही नहीं हैं वो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में क्या खरीदेंगे और क्या बेचेंगे।

नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर छोटे और मंझोले व्यापारियों पर पड़ रहा है और वो अपनी दुकानों में माल नहीं भर पा रहे हैं। बाजार के असंगठित क्षेत्र में खरीद-फरोख्त और लेन-देन में अधिकतर कैश का ही इस्तेमाल होता है लेकिन इसकी कमी ने इस कारोबारियों के भी होश उड़ा रखे हैं।

हालांकि कुछ एटीएम अब काम कर रहे हैं लेकिन लोगों और बाजार की ज़रुरत के लिहाज़ से यह नाकाफ़ी है। कैश निकालने की नियत सीमा की वजह से भी लोगों को परेशानी हो रही है और लोगों को हर दूसरे-तीसरे दिन कैश के लिए लाइन में लगना पड़ता है। उत्तर भारत के कई राज्यों में सोमवार को बैंक बंद रहने के कारण भी लोगों को कैश को लेकर बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

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दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव के रियल एस्टेट कारोबारियों पर भी नोटबंदी का असर पड़ा है और रोजाना होने वाले नए डील में तेजी से कमी आई है। संकट के बादल पुराने डील पर भी मंडरा रहे हैं। मीडिया से आ रही ख़बरों के के मुताबिक़ पिछले एक हफ्ते में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहुत काम प्लॉट्स और मकानों की बिक्री हो पा रही है।

Source : News Nation Bureau

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