नोटबंदी के बाद 9 वें दिन भी कैश के लिए बैंक और एटीएम के चक्कर लगाने पर लोग मजबूर हैं। राजधानी दिल्ली के शकरपुर इलाके में तो अहले सुबह ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के सामने महिलाओं और बुजुर्गों की लंबी कतारें लग गई।
कमोबेश ऐसी ही स्थिति देश के दूसरे शहरों में भी देखने को मिल रही है। पुराने नोट बंद होने के बाद से ही आम लोगों के साथ ही छोट दुकानदार, फुटकर विक्रेताओं को कमी का सामना करना पड़ा रहा जिसके उनके कारोबार पर इसका असर पड़ा रहा है।
हालांकि सरकार ने शादी वाले परिवारों को ढाई लाख रुपये तक निकालने की छूट दे दी है लेकिन इसके लिए उन परिवारों को शादी का कार्ड दिखाना होगा। वहीं खेतों में बुआई के समय को देखते हुए किसानों को भी सरकार ने राहत देते हुए एक हफ्ते में 25 हजार रुपये तक निकालने की इजाजत दे दी है।
नोटबंदी को लेकर देश में सियासत पहले से गरमाई हुई है। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस ने राज्यसभा में सरकार को नोटबंदी के मुद्दे पर घेरा था। वहीं बीएसी प्रमुख मायावती ने भी राज्यसभा में कहा था कि बिना तैयारी के नोटबंदी आर्थिक आपातकाल जैसा है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने नोटबंदी के खिलाफ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला था।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट ने नोटबंदी पर संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है जिसपर चर्चा के दौरान हंगामा भी हुआ।