Corona वैक्सीन को मंजूरी वापस लेने की मांग ने पकड़ा जोर, 13 से टीकाकरण शुरू
डॉक्टर और वैज्ञानिक क्लीनिकल ट्रायल के डेटा को नाकाफी बताते हुए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से टीकों की मंजूरी वापस लेने की बात कह रहे हैं.
नई दिल्ली:
कोरोना वैक्सीन पर राजनीति तेज हो रही है. अब इसमें डॉक्टर और वैज्ञानिक भी उतर आए हैं, जो क्लीनिकल ट्रायल के डेटा को नाकाफी बताते हुए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से टीकों की मंजूरी वापस लेने की बात कह रहे हैं. इस कड़ी में प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिस्ट फोरम ने डीसीजीआई से दो वैक्सीन उम्मीदवारों को दिए गए आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी वापस लेने की मांग की है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 13 जनवरी से राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के टीकाकरण की तैयारी करने की घोषणा कर चुका है.
पीएमएसएफ ने कहा राजनीतिक लाभ
प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिस्ट फोरम का कहना है कि विज्ञान निजी लाभ और राजनीतिक लाभ की खोज में समझौता नहीं कर सकता है. पीएमएसएफ ने वैक्सीन उम्मीदवारों के अनुमोदन को रद्द करने और प्रभावकारिता डेटा और अन्य विचारों के आधार पर टीकाकरण और अनुमोदन रणनीति पर पुनर्विचार करने की मांग की. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर की राह पर चलते हुए वैज्ञानिक समुदाय और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी देने पर कड़ी आपत्ति जताई है, क्योंकि फर्म को अभी अपने चरण 3 परीक्षणों की प्रभावकारिता डेटा पेश करना है.
यह भी पढ़ेंः एक्सप्रेसवे पर अब 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान
रविवार को वैक्सीन को मिली थी हरी झंडी
गौरतलब है कि डीसीजीआई ने रविवार को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भारत बायोटेक और कोविशील्ड द्वारा बनाई कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी. दवा नियंत्रक द्वारा नैदानिक परीक्षण मोड में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई थी. इसके बाद ही शशि थरूर समेत कई अन्य लोगों ने इसके खिलाफ आपत्ति दर्ज करते हुए टीकों की प्रमाणिकता पर संदेह जाहिर किया था. इसके बाद बायोटक समेत सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन को लेकर अपना पक्ष रखा थी.
यह भी पढ़ेंः 'लव जिहाद कानून' पर योगी सरकार को मिला 224 पूर्व नौकरशाहों का साथ
13 जनवरी से टीकाकरण शुरू
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 13 जनवरी से देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण की तैयारी की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि वैक्सीन के ड्राय रन से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर इसके आपातकालीन इस्तेमाल की आधिकारिक तिथि के मिलने के दस दिनों के भीतर ही टीकाकरण करने के लिए हम तैयार हैं. वैक्सीन को लेकर किया गया यह ऐलान भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, जो अमेरिका के बाद संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर है.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली के अस्पताल में पहली बार हुई कोविड मरीज के सीने की सर्जरी
पहले लगाया जाएगा इन्हें
लगाए जाने वाले टीकों में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेने का कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन है. सबसे पहले टीकाकरण एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, दो करोड़ फ्रंटलाइन और एसेंशियल वर्कर्स और 27 करोड़ उन बुजुर्गो को दिया जाएगा, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और जो कई बीमारियों से घिरे हैं. शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने घोषणा की थी कि एक करोड़ स्वास्थ्य सेवा कर्मियों साथ-साथ दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Farzi 2 Shooting: कब शुरू होगी फर्जी 2 की शूटिंग, एक्ट्रेस राशि खन्ना ने दिए हिंट
-
Taapsee Pannu Photos: सीक्रेट शादी के बाद तापसी पन्नू ने साड़ी में शेयर की पहली फोटोज, फैंस ने स्पॉट की इंगेजमेंट रिंग
-
Ayushmann Khurrana: ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आयुष्मान खुराना ने दिखाई दरियादिली, किया ये जरूरी काम
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए