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दिवाली के बाद प्रदूषण से धुआं-धुआं हुआ दिल्ली का आसमान, अगले दो दिन.....

दिवाली के त्योहार के बाद आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' से 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच गई है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक जो कल शाम 4 बजे 382 पर था वह शुक्रवार रात 8 बजे के आते-आते गंभीर श्रेणी में प्रवेश कर गया.

Updated on: 05 Nov 2021, 10:25 AM

highlights

  • 'गंभीर' से 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच गई है हवा की गुणवत्ता
  • 7 नवंबर तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना नहीं है
  • उतार-चढ़ाव के साथ एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी तक बना रहेगा

नई दिल्ली:

दिवाली के त्योहार के बाद आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' से 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच गई है. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक जो कल शाम 4 बजे 382 पर था वह शुक्रवार रात 8 बजे के आते-आते गंभीर श्रेणी में प्रवेश कर गया. शुक्रवार की सुबह शहर के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की सांद्रता 999 प्रति क्यूबिक मीटर थी. फरीदाबाद (424), गाजियाबाद (442), गुड़गांव (423) और नोएडा (431) में भी हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' दर्ज की गई. सफर मॉडल के पूर्वानुमानों के अनुसार, पराली जलाने की हिस्सेदारी शुक्रवार को 35 फीसदी और शनिवार को 40 फीसदी तक बढ़ सकती है, क्योंकि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम में बदल रही है.

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वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि केवल 7 नवंबर की शाम से राहत की उम्मीद है, लेकिन एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी के भीतर उतार-चढ़ाव करेगा. दिल्ली सरकार द्वारा ग्रीन पटाखों सहित पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद कई लोगों को पटाखे फोड़ते हुए देखा गया, जिससे वायु गुणवत्ता में गिरावट आई. दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा के निवासियों ने शाम सात बजे पटाखा फोड़ने की घटना की सूचना मिली. दिल्ली और आसपास के कई हिस्सों के लोगों ने गले में खुजली और आंखों में पानी आने की शिकायत की, क्योंकि इस मौसम में धुंध की एक परत इस क्षेत्र में बनी रही. हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि अन्य हिस्सों में भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, रविवार शाम (7 नवंबर) तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना नहीं है. 

विशेषज्ञों ने कहा कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण थी. शांत हवाएं, कम तापमान और पटाखों, पराली जलाने और स्थानीय स्रोतों से उत्सर्जन के कारण एक जहरीला कॉकटेल देखने को मिला. इससे पहले गुरुवार को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता को 600-800 मीटर तक कम कर दिया. राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गुरुवार को 382 था जबकि बुधवार को 314 था. वहीं मंगलवार को यह 303 और सोमवार को 281 थी.