दिल्ली में हुए हिंसा के खिलाफ कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को 'शांति मार्च' निकाला. कांग्रेस मुख्यालय से गांधी स्मृति तक मार्च निकाला गया. इस मार्च में प्रियंका गांधी (priyanka gandhi), सुष्मिता देव, केसी वेणुगोपाल और अन्य कांग्रेस नेता शामिल हुए. पुलिस ने 'शांति मार्च' में भाग ले रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनपथ रोड पर ही रोक दिया. प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस शहर में लोग काम ढूंढने आते हैं, आज इस शहर में आग उगल रही है.
प्रियंका गांधी ने कहा, 'हम आज गृह मंत्री जी की कोठी तक चलकर उनका इस्तीफा मांगना चाहते थे, हमें पुलिस ने रोका है. इस शहर को तबाह किया जा रहा है, इस शहर में लोग काम ढूंढने आते हैं, आज इस शहर में आग उगल रही है, हम एक ऐसी पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिसके जरिए इस देश को आजादी मिली.'
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गृह मंत्री की जिम्मेदारी है कि देश में रहे शांति
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आगे कहा , 'गृह मंत्री जी की ज़िम्मेदारी है कि देश की राजधानी में शांति हो, सरकार की ज़िम्मेदारी है, वे इस ज़िम्मेदारी को निभाने में असफल हुए हैं. हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे, शांति बनी रहे. हमारी यही मांग है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी: गृह मंत्री जी की ज़िम्मेदारी है कि देश की राजधानी में शांति हो, सरकार की ज़िम्मेदारी है, वे इस ज़िम्मेदारी को निभाने में असफल हुए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे, शांति बनी रहे। हमारी यही मांग है। https://t.co/kypEpEk1hO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 26, 2020
सावधानी बरतें और शांति बनाए रखें
इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा सामने आई और उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों से अपील करती हूं कि वे हिंसा न करें, सावधानी बरतें और शांति बनाए रखें. हमने उत्तर प्रदेश में भी अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे शांति बनाए रखने में मदद करें.
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केंद्र और राज्य सरकार हिंसा रोकने में रही असफल
कांग्रेस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा (Delhi violence )को बुधवार को सुनियोजित षड्यंत्र का नतीजा करार दिया. पार्टी ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की.बुधवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में दिल्ली के हालात पर विस्तृत चर्चा की गई और एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र तथा दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को हिंसा रोकने और शांति बहाली में विफल बताया गया. बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हुईं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र, केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा एक सोचा-समझा षड्यंत्र है और भाजपा के कई नेताओं के बयान ने डर तथा नफरत का माहौल पैदा किया. सोनिया ने सीडब्ल्यूसी में पारित प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि अब सरकार को शांति बहाली तथा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करना चाहिए.