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दिल्ली हिंसा में दानिश ने पूछताछ में किया खुलासा, PFI ने भड़काई सीएए विरोधी हिंसा

अभी तक दानिश से की गई पूछताछ में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई न सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन में शामिल रहा था, बल्कि हिंसा भड़काने में भी उसकी भूमिका थी.

Updated on: 11 Mar 2020, 06:17 PM

highlights

  • पीएफआई नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन में शामिल.
  • बड़े स्तर पर सीएए विरोधी हिंसा भड़काने के लिए की गई थी तैयारी.
  • स्पेशल सेल से पूछताछ में पीएफआई सदस्य दानिश का खुलासा.

नई दिल्ली:

दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) में गिरफ्तार किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य दानिश ने पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे किए हैं. अभी तक दानिश से की गई पूछताछ में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई न सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन में शामिल रहा था, बल्कि हिंसा भड़काने में भी उसकी भूमिका थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक दानिश (Danish) की शिनाख्त के आधार पर इन आंदोलनों की फंडिंग और हिंसा भड़काने में शामिल रहे अन्य लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस दबिश दे रही है. इन लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने का काम भी किया जा रहा है.

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कई बड़ी गिरफ्तारियां जल्द
पीएफआई फंडिंग मामले में स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार आरोपी दानिश से हुई पूछताछ में काफी जानकारी सामने आई है. स्पेशल सेल देश में सीए के विरोध में कई जगह पर हुए भड़काऊ भाषणों को प्रमुखता से जांच रही है. इनमें जेनएयू के पूर्व छात्र उमर खालिद का एक भाषण भी जांच के दायरे में है. उत्तर पूर्व हिंसा मामले में भी पीएफआई स्पेशल सेल की राडार पर है. सूत्रों की मानें तो सीएए विरोधी हिंसा में जल्द ही कई बड़ी गिरफ्तारियां और भी हो सकती हैं. दानिश से पूछताछ में पता चला है कि पीएफआई न केवल सीएए के विरोध प्रदर्शनों में शामिल था, बल्कि 23 से 25 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भी इसका हाथ था.

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बड़े स्तर पर थी हिंसा भड़काने की योजना
दानिश से प्राप्त जानकारी के बाद पीएफआई के संदिग्ध सदस्यों की पहचान करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ सबूत एकत्र किए जा रहे हैं.
पीएफआई के सदस्यों ने दंगाइयों को फाइनेंस और दूसरे तरह से सहायता करने की जानकारी मिली है. दानिश ने पूछताछ में खुलासा किया है कि बड़े स्तर पर हिंसा भड़काने के लिए तैयारी की गई थी. बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 25 फरवरी के दौरान भारी हिंसा हुई थी, जिसमें करीब 53 से ज्यादा लोग मारे और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. कथित कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप लगे थे.

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दिल्ली हिंसा में 53 मारे गए 400 से ज्यादा घायल
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बताया कि पिछले महीने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा के सिलसिले में 690 मामले दर्ज किए गए हैं और 2,193 लोगों को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है. इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 200 लोग घायल हुए हैं. पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक आर्म्स एक्ट के तहत 48 मामले दर्ज किए गए हैं.