दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Riots) में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं सैकड़ों लोग घायल हैं. दिल्ली के जाफराबाद और चांदबाग इलाके में रविवार से हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में करोड़ों का नुकसान हुआ है. अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है. जिसके बाद विपक्षी दलों ने केंद्र की सत्ता में बैठी बीजेपी (BJP) पर निशाना साधना शुरु कर दिया है. AIMIM के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 20 मौतों की जिम्मेदार केंद्र सरकार है. जिसने सही समय पर दंगों को नहीं रोका. केंद्र ने जानबूझ कर दंगे होने दिए.
देश को याद आया 2002
असदउद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार पर आगे निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह के दंगे हुए हैं. उससे पूरे देश को 2002 का गुजरात दंगा याद आ गया है. ओवैसी ने आगे कहा कि पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के भाषण के बाद यह दंगा भड़का है. केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जो कि दुखद है.
दंगों की आग हर तरफ फैली
ओवैसी ने कहा कि दिल्ली का सांप्रदायिक सौहार्द इस दंगे से पूरी तरह बिगड़ गया है. कई वीडियो देखने को मिले हैं. कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें लोग पूरे टायर की दुकान को आग लगा रहे हैं. मस्जिद को लोग आग के हवाले कर रहे हैं. इससे भी ज्यादा दुखद ये है कि जब मस्जिद में आग लगाई गई तो लोग वहां पर तालियां बजा रहे थे.यह दिखाता है कि सरकार ने दंगे होने दिए.
सोनिया ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा
दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) की चिंताजनक हालात को देखते हुए आज कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, 'यह सोची-समझी साजिश का नतीजा है. दिल्ली चुनावों में भी इस तरह का दौर दिखा था. बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयान के चलते इस तरह की हिंसा भड़की है. दिल्ली बीजेपी के एक नेता के उस बयान पर दिल्ली में हिंसा भड़की, जिसमें उसने 3 दिन का अल्टीमेटम देने की बात कही थी. केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई न किए जाने से 20 लोगों की मौत हो गई. गृह मंत्री अमित शाह हालात संभालने में नाकाम रहे. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.'