भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के दिल्ली अध्यक्ष व उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को विपक्षी नेताओं पर नफरत भरे भाषणों के लिए सिर्फ बीजेपी को जिम्मेदार ठहराने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि भड़काऊ भाषण देने वाले सभी की आलोचना की जानी चाहिए, न कि केवल बीजेपी की. तिवारी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया कि केवल बीजेपी नेता भड़काऊ भाषण देने में शामिल हैं.
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संसद के बाहर सोमवार को तिवारी ने कहा, 'पहले वे नफरत भरे भाषण देते हैं और दिल्ली व देश में माहौल खराब करते हैं. वे दिल्ली के दर्द को नहीं समझ सकते. अगर उन्होंने सवाल उठाए हैं, तो गृह मंत्री अमित शाह सदन में उनका जवाब देंगे.'
कुछ बीजेपी नेताओं द्वारा दिए भड़काऊ भाषण के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, 'यदि आप कुछ बीजेपी नेताओं के नाम ले रहे हैं, तो फिर सभी का नाम लें. जब भड़काऊ भाषण देने वालों की बात आती है, तो सिर्फ बीजेपी के नेताओं का नाम ही क्यों. प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी जैसे विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी नफरत भरे भाषण दिए हैं.'
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तिवारी ने दिल्ली में तनाव को कम करने में मदद नहीं करने के लिए विपक्षी नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया. उत्तर-पूर्व दिल्ली में 24 फरवरी को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध और पक्ष में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 40 से अधिक लोगों की जान गई है.