दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का नाम आते ही उन्होंने केंद्रीय मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीताराम येचुरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली पुलिस, केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है. उसकी ये अवैध और गैर-क़ानूनी हरकतें भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेत्रत्व के चरित्र को दर्शाती हैं. माकपा महासचिव ने कहा कि वो विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं.
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सीताराम येचुरी ने ट्वीट में लिखा, 'यह मोदी सरकार न सिर्फ़ संसद में सवालों से डरती है, यह प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करने से घबराती है और RTI का जवाब देने से - वो मोदी का निजी Fund हो या अपनी degree दिखाने की बात. इस सरकार की सभी असंवैधानिक नीतियों और असंवैधानिक क़दमों का विरोध जारी रहेगा.' उन्होंने आगे लिखा, '56 लोग दिल्ली की हिंसा में मारे गए. जहरीले भाषणों का video है, उन पर कार्यवाई क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि सरकार ने आदेश दिया है कि विपक्ष को लपेटा जाए, किसी भी तरह से. यही है मोदी और BJP का असली चेहरा, चरित्र, चाल और चिंतन. विरोध तो होगा इसका.'
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं कार्यकर्ता अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंटरी फिल्मकार राहुल रॉय के नाम सह-षड्यंत्रकर्ताओं के रूप में दर्ज किए हैं. आरोप है कि इनमें से कुछ लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को 'किसी भी हद तक जाने को कहा', सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए. दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में 23 से 26 फरवरी के बीच हुए दंगों में पुलिस ने जो पूरक आरोप-पत्र दायर किया है.
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आरोप-पत्र में दावा किया गया है कि दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी तथा 581 लोग घायल हो गए थे, जिनमें से 97 गोली लगने से घायल हुए थे. योगेंद्र यादव से इस बारे में जब बार-बार संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने देखा कि मेरे बारे में की गयी टिप्पणी में मेरे भाषण का एक भी वाक्य नहीं है. मुझे हैरानी है कि दिल्ली पुलिस ने मेरे भाषणों की रिकॉर्डिंग देखने की जहमत भी नहीं उठाई जो सार्वजनिक हैं.' इन जानेमाने लोगों को तीन छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपी बनाया गया है. जेएनयू की छात्राएं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा पिंजरा तोड़ की सदस्य भी हैं. इन लोगों को जाफराबाद हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया है.
Source : News Nation Bureau