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डूटा चुनाव: कांग्रेस, भाजपा, आप समर्थित प्रोफेसर्स मैदान में, एडहॉक शिक्षकों का अलग फ्रंट

डूटा चुनाव: कांग्रेस, भाजपा, आप समर्थित प्रोफेसर्स मैदान में, एडहॉक शिक्षकों का अलग फ्रंट

Updated on: 19 Nov 2021, 05:15 PM

नई दिल्ली:

देश के सबसे बडे विश्वविद्यालयों में शुमार दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले एक दशक से कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ी है। स्थिति यह है कि कई कॉलेजों में 60 से 70 फीसदी तक एडहॉक टीचर्स काम कर रहे हैं। इनमें एडहॉक महिला शिक्षिकाओं को किसी तरह की मातृत्व अवकाश नहीं मिलता और न ही चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं।

ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के इस बार तदर्थ शिक्षकों ने अपनी ताकत दिखाते हुए अनेक एडहॉक टीचर्स एक मंच पर आकर एडहॉक टीचर्स फ्रंट बनाया है। फ्रंट ने डॉ. शबाना आजमी (जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज) को डूटा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का वर्ष 2021-2023 का चुनाव 26 नवम्बर को होने जा रहा है।

डूटा एग्जीक्यूटिव में जिन शिक्षक संगठनों ने अपने -अपने उम्मीदवारों को उतारा है। उनमें डूटा चुनावी समर में पहली बार आप के शिक्षक संगठन से डॉ. हंसराज सुमन ,भाजपा समर्थित शिक्षक संघ एनडीटीएफ से डॉ. हरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. कमलेश कुमार रघुवंशी , डॉ.महेंद्र मीणा , डॉ.लुके कुमारी खन्ना , डॉ. चमन सिंह ,वामपंथी विचारधारा वाले शिक्षक संगठन डीटीएफ से डॉ. नंदिता नारायण , डॉ. जितेंद्र मीणा , डॉ. रुद्राशिस चक्रवर्ती , डॉ.वी.एस. दीक्षित , शिक्षक संगठन एएडी से डॉ.अमित सिंह डॉ. अंजू जैन ,डॉ. जैनेन्द्र कुमार ,डॉ. आनंद प्रकाश ,कांग्रेस समर्थित इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस (इंटेक) डॉ.प्रदीप कुमार ,वहीं इंटेक ( आई ) डॉ.उदयबीर सिंह ,डॉ.मेघराज ,समाजवादी शिक्षक मंच से डॉ. शशिशेखर सिंह , कॉमन टीचर्स फ्रंट से डॉ. सुनील कुमार मांडीवाल ,यूनिवर्सिटी टीचर्स फ्रंट से सुरेंद्र सिंह, एसजीटीएफ से डॉ.श्याम कुमार व स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में डॉ.संत प्रकाश सिंह हैं।

शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव के लिए नाम वापसी की अंतिम तिथि थी। अब अध्यक्ष पद पर चार उम्मीदवार और एग्जीक्यूटिव में 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। शुक्रवार दोपहर तीन बजे उम्मीदवारों को बैलेट नम्बर जारी कर दिए गए।

कोविड महामारी के चलते पहली बार डूटा चुनाव तीन महीने विलंब से हो रहा है। वैसे इसका कार्यकाल इस वर्ष 29 अगस्त को खत्म हो चुका है।

डूटा में अध्यक्ष पद व 15 एग्जीक्यूटिव सदस्यों के पदों के लिए बृहस्पति वार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन रहा। जांच के बाद चुनाव अधिकारी प्रोफेसर उज्वल कुमार सिंह ने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए।

शुक्रवार को नाम वापसी के बाद सभी उम्मीदवारों को बैलेट नम्बर जारी कर दिए हैं। अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें एनडीटीएफ के प्रोफेसर अजय कुमार भागी ( दयालसिंह कॉलेज ) डीटीएफ से डॉ.आभादेव हबीब (मिरांडा हाउस) एएडी ने डॉ. प्रेमचंद को उतारा है।

प्रोफेसर उज्वल कुमार सिंह ने बताया है कि अध्यक्ष पद पर चार उम्मीदवार हैं। वहीं डूटा एग्जीक्यूटिव में 15 सदस्यों के लिए नाम वापसी के पश्चात 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। डूटा चुनाव में प्रमुख राजनितिक दलों की विचारधारा से संबंधित शिक्षक संगठनों ने अपने अपने उम्मीदवारों को उतारा है। आप की शिक्षक विंग दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) भी डूटा चुनाव में पहली बार अपने दमखम के साथ उतर रही है।

डूटा एग्जीक्यूटिव में उन्होंने अपने वरिष्ठ शिक्षक नेता व पूर्व एकेडेमिक काउंसिल मेंबर डॉ. हंसराज सुमन को अपना उम्मीदवार बनाया है। डॉ. सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल में दो बार चुने हुए सदस्य रह चुके हैं और विश्वविद्यालय की कई कमेटियों में कार्य किया।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष व डूटा एग्जीक्यूटिव उम्मीदवार डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि डूटा एग्जीक्यूटिव में उन्हें बैलेट नम्बर 5 मिला है। वे शिक्षकों के अहम मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में हैं। उनकी पहली प्राथमिकता शिक्षक हितों के लिए कार्य करना है।

उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों के समायोजन व स्थायीकरण के लिए एक प्रस्ताव डीटीए दिल्ली सरकार को भेज चुकी है। पिछले एक दशक से कॉलेजों में एडहॉक शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि कॉलेजों में 60 से 70 फीसदी एडहॉक टीचर्स काम कर रहे हैं। इनमें एडहॉक महिला शिक्षिकाओं को किसी तरह की मातृत्व अवकाश नहीं मिलता और न ही चिकित्सा सुविधाएं ,उन्हें मातृत्व अवकाश दिलाना व मेडिकल कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराना हमारे एजेंडे में है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.