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एडहॉक टीचर्स का आईकार्ड बनाने के लिए कॉलेजों को सकरुलर

एडहॉक टीचर्स का आईकार्ड बनाने के लिए कॉलेजों को सकरुलर

Updated on: 17 Nov 2021, 12:20 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय में 26 नवम्बर 2021 को यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) का चुनाव होने जा रहा है। वर्ष 2021--2023 के चुनाव को लेकर चुनाव अधिकारी प्रोफेसर उज्‍जवल कुमार सिंह ने सभी कॉलेजों को एडहॉक टीचर्स के लिए आईकार्ड जारी करने को कहा है।

चुनाव अधिकारी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के प्रिंसिपल, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी के डीन आदि को सकरुलर व आईकार्ड बनाने संबंधी परफॉर्मा जारी करते एडहॉक टीचर्स का आईकार्ड बनाने के लिए लिखा है। ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि वोटर के रूप में उनकी पहचान हो और वे डूटा चुनाव में अपनी वोट का इस्तेमाल कर सकें।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने बताया कि संबद्ध विभागों और कॉलेजों में वर्षो से एडहॉक टीचर्स के रूप में अपनी सेवाएं देने के बावजूद इन शिक्षकों की आईकार्ड के बिना कोई आइडेंटिटी नहीं है। जबकि ये डूटा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। पिछले चार वर्षों से डूटा व एसी ईसी चुनाव में वोट डालने और एडहॉक टीचर्स की पहचान के लिए आईकार्ड बनाने की मांग की जा रही थी ।

यह मांग मानने पर चुनाव अधिकारी को एडहॉक टीचर्स ने धन्यवाद दिया है और इस पहल का स्वागत किया है। डीयू एडहॉक टीचर्स में उनके आईकार्ड बनने संबंधी सकरुलर जारी करने पर खुशी का माहौल है ।

डीटीए के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि कॉलेजों के प्रिंसिपलों, डिपार्टमेंट हेड, डीन फैकल्टी को भेजे गए सकरुलर में लिखा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर एडहॉक टीचर्स का आईकार्ड बनाए ताकि चुनाव की प्रक्रिया आसानी से पूरी की जा सके। साथ ही इससे संबंधित अन्य जानकारी डूटा की वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है।

डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि सकरुलर के साथ आईकार्ड बनाने का परफॉर्मा भी भेजा है जिसमें शिक्षकों की डिटेल दी जानी है। परफॉर्मा में शिक्षक का नाम, पद, कॉलेज, संस्थान, विभाग के अलावा कॉन्ट्रेक्ट ,मोबाइल नम्बर आदि के अतिरिक्त प्रिंसिपल ,डीन ,विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर स्टेम्प सहित ,शिक्षक के हस्ताक्षर दिए हैं।

डॉ. सुमन का कहना है कि इन एडहॉक टीचर्स को यूनिवर्सिटी की फैकल्टी में स्टड्री ,लाइब्रेरी, किसी संस्थान कार्यालय अथवा कॉलेजों में किसी से मिलने जाते हैं तो गेटकीपर या अधिकारी पहचान के लिए आईकार्ड की मांग करते हैं तो ऐसी स्थिति में शिक्षक अपमानित होकर रह जाते हैं क्योंकि बहुत से कॉलेज एडहॉक टीचर्स का आईकार्ड नहीं बनाते।

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