दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम को मंजूरी मिलने का संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने स्वागत किया है। एबीवीपी का कहना है कि इस बार का चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी), कांग्रेस के समय लाए गए प्रस्ताव से कहीं अलग है। वर्तमान पाठ्यक्रम से छात्रों को कहीं ज्यादा लाभ होगा।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत कई सुधारों को मंजूरी दी गई है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह कोर्स पिछली बार 2013 में लाए गए 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम से अलग है।
एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ यादव ने आईएएनएस से कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद के निर्णय का संगठन स्वागत करता है। सिद्धार्थ के मुताबिक, यूपीए सरकार के वक्त आई शिक्षा नीति के तहत लाए गए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम से छात्रों के हितों पर असर पड़ रहा था, इस नाते उस वक्त विरोध हुआ था, क्योंकि तब चार साल में छात्रों को सिर्फ स्नातक की डिग्री मिल रही थी।
जबकि वर्तमान चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को ग्रेजुएशन के साथ रिसर्च की भी डिग्री मिल रही है। उन्हें एमफिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सीधे पीएचडी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर छात्र तीन साल पढ़ाई कर छोड़ देते हैं तब भी उन्हें ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाएगी।
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Source : IANS