Advertisment

आदिवासी छात्रों को शिक्षा का मिशन, बनाए जाएंगे 452 नए एकलव्य आदर्श विद्यालय

आदिवासी छात्रों को शिक्षा का मिशन, बनाए जाएंगे 452 नए एकलव्य आदर्श विद्यालय

author-image
IANS
New Update
delhi univerity

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

आदिवासी बच्चों में शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए 452 नए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में दूर-दराज के क्षेत्रों और ब्लॉक स्तर पर स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार के मुताबिक जनजातीय बहुल इलाकों में शिक्षा की चुनौती को मिशन के तौर पर लिया जा रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि वह जनजातीय बहुल इलाकों में शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने 50 ईएमआरएस की आधारशिला रखी, जिनमें से 20 झारखंड में स्थित हैं। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के विभिन्न जिलों में स्थित सात एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के छात्रों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की।

इस बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप अब हम शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ईएमआरएस से कई टॉपर्स और विजेता को निकलते हुए देख रहे हैं। इन छात्रों को पोषण अभियान, स्वच्छता मिशन जैसी सामाजिक और राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में भी शामिल किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा का केंद्र बिंदु नैतिक मूल्य और चरित्र निर्माण होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि जनजातीय बच्चों को मैट्रिक के बाद, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फेलोशिप, विदेशी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जैसी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ी संख्या में छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को अधिक से अधिक यथासंभव छात्रवृत्ति देने का प्रयास है।

प्रधानमंत्री नरेन्?द्र मोदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब देश के प्रधानमंत्री इतने व्यस्त कार्यक्रम में परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) जैसे अद्वितीय कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों से संवाद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री छात्रों को परीक्षा से पहले तनाव मुक्त रहने और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में भाग लेने के लिए उनका मार्गदर्शन करते रहे हैं। मंत्री ने ईएमआरएस के छात्रों को भी आगे आने और परीक्षा से पहले परीक्षा पे चर्चा 2022 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ विचार-विमर्श करने का आह्वान किया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार झा ने जनजातीय कार्य मंत्रालय की विभिन्न प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों से छात्रों को अवगत कराया, जो अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लाभ के लिए लागू की गई हैं।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) देश भर में आदिवासी छात्रों (अनुसूचित जनजातियों) के लिए एक मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने की भारत सरकार की योजना है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय का एक प्रमुख हस्तक्षेप है, जो दूरस्थ जनजातीय बहुल क्षेत्रों में छात्रों को प्रथम श्रेणी की शिक्षा और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करता है। 2018-19 के केंद्रीय बजट में 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक और कम से कम 20,000 जनजातीय समुदाय के लोगों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के प्रावधान को पेश किया गया था।

शैक्षिक प्रशिक्षण पर जोर देते हुए आदिवासी छात्रों को शिक्षा देने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का विकास किया जा रहा है। स्कूल छठी से बारहवीं कक्षा के जनजातीय छात्रों की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं, जिनकी औसत संख्या 480 है। वर्तमान में देश में 367 ईएमआरएस काम कर रहे हैं। नवोदय विद्यालयों के समान स्थापित वे खेल और क्षमता विकास में प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा ईएमआरएस समग्र सुधार के लिए परिसर में ही छात्रों की जरूरतों को पूरा करने वाली सुविधाओं के साथ तैयार किए जाते हैं और रहने व खाने सहित मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment