आर्थिक संकट से ग्रस्त हैं दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेज
आर्थिक संकट से ग्रस्त हैं दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेज
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित, दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों में आर्थिक संकट बना हुआ है। शिक्षक संगठन डूटा के मुताबिक इन 12 कॉलेजों के अनुदान में कटौती की गई है। जिसके कारण यहां कार्यरत हजारों शिक्षक व कर्मचारी पिछले कई माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। इसके खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने वीरवार को हड़ताल की।शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा जिस तरह कोरोना संकट के इस मुश्किल समय में शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ इन 12 कॉलेजों में अनावश्यक रूप से वित्तीय संकट पैदा कर आमनवीय व्यवहार कर रही है, उससे दिल्ली सरकार के शिक्षा के मॉडल की पोल खुल गई है और अब साफ हो गया है कि केजरीवाल सरकार शिक्षा व शिक्षक विरोधी है।
डूटा की यह हड़ताल दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली केजरीवाल सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों में अनुचित अनुदान कटौती के खिलाफ आयोजित की गई। इतना ही नहीं इन कॉलेजों में पिछले दो वर्षों से चिकित्सा बिलों, विभिन्न भत्ते, सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद देय बकाया भुगतान राशि सहित अन्य बकाया राशि का भुगतान शिक्षकों व कर्मचारियों को नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित यह 12 कॉलेज आज आर्थिक रूप से बीमार हो चुके हैं।
आज इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारी व शिक्षक बैंक लोन की किस्तों का भुगतान, बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान, इलाज व अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को भी नियमित रूप से पूरा कर पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं।
डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने इस अवसर पर दिल्ली सरकार द्वारा इन 12 कॉलेजों का प्रभार एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (एओ), दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को उनके मौजूदा कर्तव्यों के अलावा सौंपने के संबंध में जारी आदेश की भी निंदा की और इसे कॉलेजों की स्वायत्ता का हनन बताया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से केजरीवाल सरकार कॉलेजों पर रिमोट कंट्रोल रखना चाहती है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।
प्रो. भागी ने बताया कि इस गंभीर विषय को लेकर अब दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल एसोसिएशन व डूटा एक संयुक्त बयान के साथ एक मंच पर आने के लिए सहमत हो गए हैं। प्रोफेसर भागी और अन्य सभी डूटा पदाधिकारियों ने अनुचित फंड कटौती के खिलाफ ट्वीट करके दिल्ली सरकार से सभी बकाया चुकाने और भविष्य में फंड की आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखने के लिए कहा। आप के नेतृत्व वाली केजरीवाल सरकार के विरोध में डूटा द्वारा आयोजित हड़ताल का प्रचार प्रसार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक, व्हाट्सएप ईमेल के माध्यम से किया गया।
विरोध प्रदर्शन के इसी क्रम में शुक्रवार 7 जनवरी को ऑनलाइन जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। इसमें इन 12 कॉलेजों के कर्मचारियों के परिवारों के अलावा सभी दलों के राजनीतिक नेताओं, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को आमंत्रित किया है। डूटा ने स्पष्ट किया है कि इन 12 कॉलेजों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को पूर्ण अनुदान जारी होने, पूर्ण वेतन और अन्य सभी बकाया भुगतान करने तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
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