डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल: संघर्ष के बाद एडहॉक शिक्षिकाओं को मिला मातृत्व अवकाश
डीयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल: संघर्ष के बाद एडहॉक शिक्षिकाओं को मिला मातृत्व अवकाश
नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी तदर्थ शिक्षकों और संविदा कर्मचारियों के अब मातृत्व अवकाश मिल सकेगा। शुक्रवार रात विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने तदर्थ शिक्षकों और संविदा कर्मचारियों के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश की मांग को स्वीकार कर लिया। मातृत्व अवकाश की यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी।तदर्थ शिक्षकों, संविदा कर्मचारियों के लिए लागू किया गया मातृत्व अवकाश डीयू और उसके कॉलेजों में कार्यरत हजारों महिला शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। अपनी इस मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक लंबे समय से विभिन्न स्तर पर प्रयास करते रहे हैं।
शिक्षकों के मुताबिक शुक्रवार को हुआ यह निर्णय सामूहिक और कई व्यक्तियों के निरंतर कार्य का परिणाम है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इन युवा शिक्षकों को वास्तविक राहत और पेशेवर और शैक्षणिक विकास दिलाने के लिए काम करने वाले शिक्षकों के अवशोषण के लिए संसद के आदेश और यूजीसी विनियमों की मांग करने का आंदोलन जारी रहेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की सचिव प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा कि यह हमारे कई वर्षों के सामूहिक, ²ढ़ निश्चयी और अथक संघर्ष का परिणाम है। शिक्षकों के इस मानव अधिकार से वंचित करने का अंत आखिरकार हो गया है। डीयू और उसके कॉलेजों में कार्यरत हजारों महिला शिक्षकों और गैर शिक्षण सहयोगियों के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश की व्यवस्था एक बड़ी राहत है।
वहीं प्रोफेसर नंदिता नारायण ने कहा कि हम डीयू प्रशासन से इस निर्णय को तुरंत लागू करने के लिए तुरंत सूचित करने का आह्वान करते हैं। शिक्षक समूह के हिस्से के रूप में हमारे निरंतर काम को इस संबंध में तब तक जारी रखने की आवश्यकता होगी जब तक कि तदर्थ शिक्षकों और अनुबंध कर्मचारियों के लिए सवैतनिक पितृत्व अवकाश भी स्थापित नहीं किया जाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों का कहना है कि सवैतनिक मातृत्व अवकाश की हमारी उपलब्धि सार्वजनिक उच्च शिक्षा को एक लोकतांत्रिक और समावेशी स्थान के रूप में संरक्षित और विकसित करने के हमारे संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके भीतर शिक्षण सीखने की प्रक्रिया विकसित हो सकती है। संघर्ष की इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में शिक्षक आंदोलन सही रोस्टर के अनुसार तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के अवशोषण के लिए संसद अधिनियम और यूजीसी विनियमन की पुरजोर मांग करते रहेंगे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी