4000 तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के बेरोजगार होने का खतरा: डूटा

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4000 तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के बेरोजगार होने का खतरा: डूटा

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IANS
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Delhi Univerity

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का मानना है कि विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई जाने वाली नई भर्ती प्रक्रिया से विश्वविद्यालय में कार्यरत 4000 शिक्षक तदर्थ और अस्थायी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। इस विषय पर अब शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र लिखा है।

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दिल्ली विश्वविद्यालय में 29 अक्टूबर को विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होनी है। इस बैठक के लिए तय किए गए कुछ एजेंडा प्रावधानों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने अपनी आपत्ति दर्ज की है।

डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को एक पत्र के माध्यम से बताया है कि डूटा मीटिंग के एजेंडा आइटम 5.01 को गंभीरता से लेता है। विश्वविद्यालय के विभागों और या कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए स्क्रीनिंग और या शॉर्टलिस्टिंग मानदंड के लिए प्रस्तावित सिफारिशें (अनुलग्नक 5.01) अस्वीकार्य है। डूटा ने इनकी तत्काल वापसी की मांग की है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव ने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि लगभग 4000 शिक्षक तदर्थ और अस्थायी आधार पर काम कर रहे हैं, उन्हें मौका देने से इनकार करने का कोई भी प्रयास अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य है।

राजीब रे के मुताबिक अनुलग्नक 5.01 यदि अपनाया जाता है तो यह लगभग सभी सेवारत तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों को बाहर कर सकता है।

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि 20 अक्टूबर 2021 की हमारी बैठक में, हमने एक बार यूजीसी विनियमन के माध्यम से तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के अवशोषण की हमारी मांग पर आपका ध्यान आकर्षित किया था। हमने आपका ध्यान 5 दिसंबर 2019 को स्क्रीनिंग मानदंड के मामले पर चर्चा के रिकॉर्ड की ओर भी खींचा था।

एजेंडा 5.01 और उसमें दी गई सिफारिशें, खंड 1, 5.12.2019 चर्चा के रिकॉर्ड का उल्लंघन हैं। डूटा का कहना है कि यह उल्लंघन हमें स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इससे मौजूदा तदर्थ शिक्षकों का लगातार और गारंटीकृत विस्थापन होगा, जो अकेले इस एकमात्र उपाय से उन पदों के लिए साक्षात्कार भी नहीं लेंगे, जिन पर उन्होंने कई वर्षों से ईमानदारी से सेवा की है।

राजीब रे ने कहा कि इसका घोर उल्लंघन करते हुए ईसी एजेंडा के अनुलग्नक 5.01 के माध्यम से अनुशंसित कैपिंग की कार्यप्रणाली है जो साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की संख्या को सीमित कर देगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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