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दिल्लीः स्वास्थ्य दूत योजना अभियान से घर पर ही कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज

स्वास्थ्य दूत योजना अभियान के तहत आरडब्ल्यूए के प्रस्ताव पर 30 लोगों को स्वास्थ्य दूत बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. अब यह लोग कालोनी में हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को इलाज दें सकेंगे.

Updated on: 30 Apr 2021, 12:36 AM

highlights

  • स्थानीय निवासी भी ये सुविधा पा कर काफी संतुष्ट नज़र आ रहे है
  • जिन लोगो को इस स्वास्थ्य दूत योजना का लाभ मिल रहा है वो भी काफी खुश नजर आ रहे है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना से बढ़ते संक्रमण से अस्पतालों में हालात बाहत ही खराब है लोगो या बेेड नही मिल ऐसे में संक्रमित लोगों का अब वहीं के स्थानीय लोग चिकित्सकों की देखरेख में इलाज करेंगे. अगर जरुरत पड़ी तब ही अस्पताल में दाखिल किया जाएगा. इसके लिए नई दिल्ली जिले ने स्वास्थ्य दूत योजना अभियान शुरू किया है. इस अभियान का उद्देश्य कोरोना के हल्के व मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों का घर पर ही इलाज करना और उनकी देखरेख करना है. इसके तहत आरडब्ल्यूए के प्रस्ताव पर 30 लोगों को स्वास्थ्य दूत बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. अब यह लोग कालोनी में हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को इलाज दें सकेंगे. जिले में एसडीएम डाक्टर नितिन शाक्या के द्वारा शुरू की गई इस स्वास्थ्य दूत योजना के तहत लोगो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.  नितिन शाक्य के मुताबिक लोग जिले के डाक्टरों की निगरानी में हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों का इलाज कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि संक्रमित होने के बाद कई लोग ऐसे होते हैं जो अस्पताल में दाखिल होना चाहते हैं. जबकि हर मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं है. हल्के और मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज घर पर ही हो सकता है. ऐसे घबराकर नहीं बल्कि धीरज से काम लेना है. उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से प्रत्येक आरडब्ल्यूए में ऐसे स्वास्थ्य दूतों की नियुक्ति करनी है ताकि अस्पतालों व डाक्टरों पर मरीजों का दवाब कम हो सके ,जिन लोगो को इस स्वास्थ्य दूत योजना का लाभ मिल रहा है वो भी काफी खुश नजर आ रहे है.


स्थानीय निवासी भी ये सुविधा पा कर काफी संतुष्ट नज़र आ रहे है . स्वास्थ्य दूत अभियान के तहत कोरोना संक्रमित मरीजों को घर पर ही आक्सीजन लगाना और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अधिकारी के अनुसार आक्सीजन की व्यवस्था खुद आरडब्ल्यूए करेगी. जिस मरीज का आक्सीजीन स्तर 90 तक पहुंच जाएगा उसको जरुरत के हिसाब से स्वास्थ्य दूत दिए गए प्रशिक्षण के आधार पर मरीज को आक्सीजन देगा. वहीं, स्वास्थ्य दूत कोरोना मरीज की मदद में संक्रमित न हो इसलिए उसे पीपीई किट पहनने और उसे उतारने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक आरडब्ल्यूए को एक डाक्टर नियुक्त किया जाएगा. इसी डाक्टर की निगरानी में स्वास्थ्य दूत कार्य करेंगे. किसी भी दुविधा में डाक्टर को वीडियो काल या काल कर सकते हैं.