हल्की ठंड के साथ आए फॉग (धुंध) से दिल्ली और आसपास के राज्यों की फिज़ा बदतर हालत में पहुंच चुकी है। लोगों का जीना मुहाल है। सरकारें और कोर्ट जल्द से जल्द कैसे प्रदूषण नियंत्रण में आए इसपर विचार कर रही है।
वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी और पंजाब की कांग्रेस सरकार आमने-सामने आ चुकी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदूषण के मुद्दे पर हस्तक्षेप की अपील की है।
सिंह ने किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर कहा कि वह 'विचित्र व्यक्ति' हैं। वह स्थिति को समझे बिना विषयों पर विचार रख देते हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि इस पूरे मामले को लेकर केंद्र की तरफ से हस्तक्षेप की जरूरत है। पत्र में उन्होंने मांग की और कहा कि पराली किसान न जलाएं और उसका निस्तारण करें इसके लिए किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
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अमरिंदर सिंह ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल विचित्र व्यक्ति हैं। स्थिति को समझे बिना वह सभी विषयों पर विचार रख देते हैं। करीब 20 मिलियन टन धान की पुआल (पराली) है, मैं किसानों से कहां स्टोर करने के लिए कहूं? केजरीवाल इस समस्या को समझ नहीं रहे हैं।'
Mr.Kejriwal is a peculiar person who has views on everything without understanding the situation. There is 20 million ton of paddy straw, where do I ask farmers to store? So Mr.Kejriwal doesn't understand this problem: Punjab CM Capt.Amarinder Singh pic.twitter.com/GRVagE7NpX
— ANI (@ANI) November 9, 2017
उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित राज्यों के साथ मीटिंग के लिए अनुरोध किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री भी रहें। दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ हमारी बैठक से कुछ नहीं निकलेगा।'
आपको बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर होने के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को हरियाणा और पंजाब के अपने समकक्षों के साथ बैठक की अपील की।
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केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि सरकारें फसलों के अवशेष जलाने के अलावा कोई आर्थिक सुझाव मुहैया कराने में नाकाम रही हैं। जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आबोहवा बिगड़ती जा रही है।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा है, 'आप दिल्ली की वायु गुणवत्ता की खराब हालत से परिचित होंगे..जिसके मुख्य कारणों में से एक साल के इस हिस्से के दौरान पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में फसलों के अवशेष जलाना है।'
उन्होंने कहा कि किसान असहाय है और फसलों को जलाने के लिए मजबूर हैं। राज्य सरकारें उन्हें दूसरे विकल्प मुहैया कराने में विफल रही हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने की बैठक की अपील
दिल्ली हाईकोर्ट ने पर्यावरण, वन और जलवायु नियंत्रण मंत्रालय के मुख्य सचिव को अपने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के समकक्षों और प्रदूषण नियंत्रक एजेंसी के साथ प्रदूषण से निपटने के लिए तीन दिनों के अंदर बैठक करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के लिए पराली को जलाना 'प्रत्यक्ष खलनायक' है लेकिन अधिकारियों को इसके लिए और कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए।
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Source : News Nation Bureau