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Delhi Violence: 'आग का क्या है पल दो पल में लगती है, बुझते बुझते एक ज़माना लगता है...'

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

Updated on: 25 Feb 2020, 02:34 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सीएए (CAA) समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. पुलिस ने यह जानकारी दी. वहीं उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मंगलवार को सभी लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है. महिलाओं ने माइक से ऐलान कर कहा कि एक जगह ज्यादा लोग इकठ्ठे न हो, इससे माहौल खराब होता है. वहीं मौजपुर मेट्रो स्टेशन की ओर भारी संख्या में पुलिस बल को रवाना किया गया है और एक फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाड़ी को भी वहां भेजा गया है.

दूसरी तरफ दिल्ली में जगह-जगह हुई आगजनी और हिंसा पर उर्दू शायर राहत इंदौरी ने अपने अंदाज में इसपर अपना दुख जाहिर किया है. उन्होंने शायर कैफी भोपाली की शायरी ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आग का क्या है पल दो पल में लगती है, बुझते बुझते एक ज़माना लगता है.'

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुए हिंसक टकराव ने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में रोजगार पर बुरा असर डाला है. सीलमपुर से लेकर जाफराबाद तक मंगलवार को भी दुकानें बंद नजर आ रही हैं. दुकानदार डर रहे हैं कि दुकान खोलने पर उपद्रवी उन्हें निशाना बना सकते हैं. जाफराबाद में कपड़ा व्यवसायी मतीन ने कहा, 'पिछले रविवार से उनकी दुकान बंद चल रही है, जिससे उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है. कमोबेश यही हाल सभी दुकानदारों का है.'

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सीलमपुर रेड लाइट लाइट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है, एक तरफ से ही वाहनों को गुजरने दिया जा रहा है. जहां भी सड़क पर लोग समूह में दिखते हैं, तो पुलिस उन्हें तुरंत हटा रही है, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो.