Delhi Riots: जब जज ने कहा - रात को सोया नहीं, चार्जशीट ही पढ़ता रहा
दिल्ली हिंसा मामले (Delhi Riots 2020) में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police) ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट यानी UAPA के तहत दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.
नई दिल्ली:
दिल्ली हिंसा मामले (Delhi Riots 2020) में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police) ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट यानी UAPA के तहत दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. दिल्ली दंगों को लेकर दायर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने संज्ञान लिया है. चार्जशीट और उससे जुड़े दस्तावेजों को मिलाकर 17 हज़ार से ज़्यादा पेज कोर्ट में दाखिल किए गए थे.
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील महमूद प्राचा ने क़ानूनी प्रावधानों का हवाला देकर संज्ञान न लेने का आग्रह किया. लेकिन, कोर्ट ने उनकी आपत्ति को खारिज करते हुए हल्के अंदाज में कहा- वकील साहब आपकी बात मैं समझ रहा हूं, मैं भी रात को सोया नहीं हूं, सिर्फ चार्जशीट ही पढ़ रहा हूं. कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने के साथ ही आरोपी बनाए गए 15 लोगों को सुनवाई की अगली तारीख यानी 21 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है.
चार्जशीट की ये हैं अहम बातें
- कुल 17 हज़ार पेज की चार्जशीट और उससे जुड़े दस्तावेज दाखिल किए गए.
- ताहिर हुसैन समेत 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट है. चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ UAPA एक्ट की विभिन्न धाराओं, IPC और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं कर के मामला दर्ज.
- 195 दिनों तक चली तफ्तीश के बाद पुलिस ने अभी तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 15 आरोपियों के खिलाफ आज चार्जशीट दायर की है। बाकी 6 के खिलाफ बाद में चार्जशीट दायर की जाएगी ।इन 6 में उमर खालिद और शरजील इमाम शामिल है
- पुलिस ने 747 गवाहों के बयान दर्ज़ किए हैं. 74 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए है.
- पुलिस का कहना है कि उसने चार्जशीट में कॉल डिटेल रिकॉर्ड, वाट्सएप चैट, डिजिटल सबूत को आधार बनाया है.
- दंगों की साजिश को वाट्सएप ग्रुप के जरिये अंजाम दिया गया. इसके लिए साजिशकर्ताओं ने बाकायदा वाट्सएप ग्रुप बनाए. चैट से साफ होता है कि साजिशकर्ता मौके पर मौजूद लोगों को समझा रहे थे. जाफराबाद और सीलमपुर के लिए भी वाट्सएप ग्रुप बनाए गए, जहां पर जमकर हिंसा हुई.
- चार्जशीट के मुताबिक, 25 जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए. ये कोई लोकतांत्रिक प्रदर्शन नहीं था. इसका मकसद ही हिंसा फैलाना था. वाट्सएप ग्रुप इसी के लिए बनाए गए. साजिशकर्ताओं ने वाट्सएप ग्रुप बनाए. प्रदर्शन में मौजूद लोग या तो इन वाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे या उनके इशारों पर काम कर रहे थे.
- कुछ वाट्सएप चैट को डिलीट भी किया गया, पर पुलिस ने उन्हें बरामद कर लिया. हरेक ग्रुप का साजिश में अपना रोल था. साजिशकर्ताओं ने जहां दंगों की पूरी प्लानिंग की, वहीं स्थानीय स्तर पर मध्यम किस्म के नेताओं ने मौके पर मौजूद लोगों के जरिये दंगों की साजिश को अंजाम दिया.
- वाट्सएप चैट का मकसद था- जगह का चयन, प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठा करना और फिर हिंसा भड़काने तक ले जाना.
- पुलिस का कहना है कि शुरुआत से ही ये प्रदर्शन लोकतांत्रिक नहीं था. चक्का जाम प्रदर्शन का कोई लोकतांत्रिक तरीका तो नहीं हो सकता. इसका मकसद ही हिंसा के लिए उकसाना था.
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