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Delhi Red Fort Attack: लाल किला हमले के दोषी को जल्द होगी फांसी! तिहाड़ जेल ने उठाया ये कदम

लाल किला हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ को जल्द दी जा सकती है फांसी.

Updated on: 20 Feb 2023, 05:29 PM

highlights

  • लाल किला हमले के आरोपी को जल्द हो सकती है फांसी
  • वर्ष 2000 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने किया था हमला
  • जवानों के बैरक पर बरसाई थी अंधाधुंध गोलियां

New Delhi:

Delhi Red Fort Attack: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित लाल किला के दोषी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल आरिफ को जल्द ही फांसी देने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर तिहाड़ जेल ने भी बड़ा कदम उठाया है. वर्ष 2000 में लाल किले पर हमला करने वाले आरिफ के खिलाफ दिल्ली कारागार विभाग ने कोर्ट में डेथ वारंट जारी करने के लिए एक पत्र लिखा है. सोमवार को इसको लेकर जेल अधिकारियों की ओर से अहम जानकारी साझा की गई है. अधिकारियों के मुताबिक, देश की सर्वोच्च अदालत ने बीते वर्ष नवंबर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मो. आरिफ उर्फ अशफाक की उस याचिका को खारिद कर दिया था, जिसमें उनसे मौत की सजा देने के कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की थी. 

आरिफ फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. आरिफ को फांसी पर लटकाने के लिए जेल अधिकारियों ने तीस हजारी कोर्ट को पत्र लिखकर जल्द डेथ वारंट जारी करने की बात कही है. 

कितना वक्त लगेगा?
जेल अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में कोर्ट को फांसी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लिखा है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया है कि इस मामले को 27 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है. 

अब क्या करेगा आरिफ 
अपनी फांसी को टालने के लिए आरिफ कोर्ट से अपने फैसले की समीक्षा करने की अपील कर चुका है. हालांकि अब तक आरिफ की इस अपील को लेकर कोर्ट की ओर से कोई फैसला नहीं आया है. वहीं अगर कोर्ट जेल के खत के मुताबिक प्रक्रिया शुरू करने की हामी भरता है तो जल्द ही प्रक्रिया के तहत आरिफ को फांसी हो सकती है. हालांकि आरिफ के पास अब राष्ट्रपति से अपनी सजा कम करने की अपील का रास्ता भी खुला है. 

क्या है पूरा मामला
मामला 22 वर्ष पुराना है. जब दिल्ली के लाल किले पर तैनात जवानों पर 22 दिसंबर को पाकिस्तान के आतंकी संगठन LeT यानी लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकियों ने हमला कर दिया था. इन आतंकवादियों ने जवानों की बैरक पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. हमला करते ही आतंकी मौके से फरार होने में भी कामयाब रहे. 

लाइट एंड साउंड शो देखने को बहाने घुसे थे आतंकी
उस वक्त किले में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स की यूनिट 7 तैनात थी. हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे. जांच में सामने आया कि सभी आतंकी लाल किले में लाइट एंड साउंड शो देखने के बहाने घुसे थे और पिछली दीवार से कूद कर भागने में कामयाब रहे थे. मोहम्मद आरिफ इस हमले का मास्टरमाइंड था. उसने ही आतंकियों के खाते में 29 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे. इसे बाद में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 

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2005 में सुनाई गई मौत की सजा
आरिफ को 2005 में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई और इसे ही उच्च न्यायालय ने 2007 में बरकरार रखा. इसके बाद देश की शीर्ष अदालत ने भी 2011 में इस सजा को कायम रखा.