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दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी गाड़ियों पर लगाया बैन

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है.

Updated on: 29 Oct 2018, 11:11 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का भी निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार को 10 साल ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियां और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियां की पूरी सूची बनाकर उसे वेबसाइट पर डालने को भी कहा है जिनके रजिस्ट्रेशन की समय सीमा खत्म हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के लागू होने के बाद दिल्ली सरकार को समाचार पत्रों में भी इस सूची को प्रकाशित कराना होगा. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) को प्रदूषण रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने का भी निर्देश दिया है जहां आम लोगों प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं की शिकायत कर सकेंगे.

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण की गंभीरता पर बहस के दौरान जज ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि अब कभी शाम में टहल कर देखिए फिर पता चलेगा की बाहर की स्थिति कैसी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर 10 साल पुरानी गाड़ियों और 15 साल पुरानी पेट्रेल की गाड़िया की संख्या वाली लिस्ट भी जारी करने का आदेश दिया है ताकि पता चले राजधानी में ऐसे गाड़ियों की कुल कितनी संख्या है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि गरीब लोग साइकिल रिक्शा पर चलते हैं. सैकड़ों लोग आजीविका के लिए बाहर काम करते हैं आप उन्हें क्या कहेंगे कि प्रदूषण में काम करके खुद को मार डालो?

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दिल्ली में सांस लेना भी हुआ मुश्किल

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों वायु की गुणवत्ता बेहद जहरीली हो चुकी है। दिल्ली और आस-पास के इलाकों में रविवार को हवा की गुणवत्ता फिर बिगड़ गई, ज्यादातर हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ही खराब दर्ज किया गया, जबकि हरियाणा के फरीदाबाद में हवा सुरक्षा मानकों के मुकाबले 21 गुना अधिक प्रदूषित पाई गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, फरीदाबाद में सुबह 10 बजे पीएम2.5 का स्तर 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया, जो शाम तीन बजे गिरकर 1,295 और छह बजे 1,290 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया।

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शून्य से 500 के पैमाने पर 366 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब माना जाता है। वहीं गाजियाबाद में 415 और गुरुग्राम 403 दर्ज किया गया, जिसे अत्यंत खराब माना जाता है।