लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष को 38 ऐसे सूचनाएं मिलीं जिनमें गर्भवती महिलाओं को तुरंत वाहन की जरुरत थी. लॉकडाउन के चलते मगर निजी वाहन सड़क पर निकल नहीं सकता था. लिहाजा दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम की जिप्सियों से इन सभी महिलाओं को अलग अलग अस्तपतालों में दाखिल कराया गया. शुक्रवार को आईएएनएस को यह जानकारी दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष के डीसीपी शरत कुमार सिंहा ने दी.
यह भी पढ़ें- Work from Home में नहीं होगी डेटा की समस्या, JIO के इस प्लान में रोज मिल रहा 2GB Data
डीसीपी के मुताबिक, यह 38 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पीसीआर वाहनों से अस्पतालों में दाखिल कराने की अवधि महज एक दिन यानि 24 घंटे की है. इससे पहले भी लॉकडाउन के दौरान अब तक पुलिस नियंत्रण कक्ष के वाहन करीब 100 से ज्यादा ऐसे मामलों में मदद कर चुके हैं.
डीसीपी पुलिस कंट्रोल रुम शरत कुमार सिंहा ने आगे कहा, इन 38 मामलों में 8 दक्षिणी, 6 बाहरी-उत्तर, 4 पूर्वी, 4 बाहरी, 4 पश्चिमी, 4 उत्तर-पश्चिमी, 3 दक्षिण-पूर्वी, शाहदरा और उत्तरी जिले से 2-2 जबकि द्वारका जिले से 1 परिवार ने हमसे मदद मांगी थी.
यह भी पढ़ें- राजस्थान सरकार COVID-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स की मौत पर देगी 50 लाख रुपए
इन सूचनाओं में से 5 ऐसी महिलाओं की मदद की गयी, जिन्हें रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम के वाहन की मदद की जरुरत महसूस हुई थी. इनमें कई सूचनाओं के बाद गर्भवती महिला को उसके घर से 15 किलोमीटर दूर मौजूद अस्पताल में भी ले जाकर दाखिल कराया गया.