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टूलकिट मामला: दिल्ली पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, ड्राफ्ट बॉक्स के जरिए होता था 'साजिश' का आदान-प्रदान

पुलिस ने बताया कि टूलकिट मामले से जुड़े सभी आरोपी भविष्य में किसी भी प्रकार की सुरक्षा जांच से बचने के लिए मेल भेजने के बजाए ड्राफ्ट में सेव करते थे.

Updated on: 18 Feb 2021, 10:17 AM

highlights

  • दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में किया बड़ा खुलासा
  • ईमेल के ड्राफ्ट बॉक्स के जरिए होता था संदेशों का आदान-प्रदान
  • निकिता जैकब से बरामद किए गए 120 जीबी डेटा की हो रही है जांच

नई दिल्ली:

ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस लगातार नए-नए खुलासे कर रही है. एक नए खुलासे में दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिशा रवि और जूम मीटिंग में शामिल होने वाले सभी लोग एक ही ई-मेल अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा ईमेल अकाउंट पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने बनाया था. इस ईमेल अकाउंट का आईडी और पासवर्ड आरोपियों के ग्रुप के सभी सदस्यों को दिया गया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी एक-दूसरे को मेल भेजने के बजाए ड्राफ्ट में सेव कर लेते थे, जिससे अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे सभी लोग ड्राफ्ट बॉक्स में जाकर उन सभी संदेशों को प्राप्त कर लेते थे.

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पुलिस ने बताया कि टूलकिट मामले से जुड़े सभी आरोपी भविष्य में किसी भी प्रकार की सुरक्षा जांच से बचने के लिए मेल भेजने के बजाए ड्राफ्ट में सेव करते थे. दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले में आरोपी निकिता जैकब को मिस थिलक नाम की एक महिला ने पीजेएफ में शामिल कराया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने शुभम नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया है. बताया जा रहा है कि शुभम मिस थिलक के साथ वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ा हुआ था.

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बताते चलें कि निकिता जैकब से बरामद किए गए 120 जीबी डेटा की जांच की जा रही है. पुलिस ने बताया कि एक पर्यावरण कार्यकर्ता होने की वजह से दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग में जान-पहचान थी. इस केस में निकिता जैकब ही दिशा को लेकर आई थी और उसने किसान मामले में भारत की छवि खराब करने के लिए दिशा के माध्यम से ग्रेटा थनबर्ग का इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस निकिता जैकब के मोबाइल फोन, पीसी, पेन ड्राइव, वॉट्सऐप, ईमेल आदि की जांच कर रही है.