Delhi Riots: दिल्ली पुलिस ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिया

पिछले दो दिनों से नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध कर रहे दंगाइयों ने हिंसा का माहौल बना रखा था.

पिछले दो दिनों से नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध कर रहे दंगाइयों ने हिंसा का माहौल बना रखा था.

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Ravindra Singh
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दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता( Photo Credit : फाइल)

पिछले दो दिनों से नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में  नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act)का विरोध कर रहे दंगाइयों ने हिंसा का माहौल बना रखा था. मंगलवार की शाम को  दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) ने दंगाइयों पर काबू करने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दे दिया है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद चौक को दंगाइयों से खाली करवा लिया है. पुलिस ने बताया कि दिल्ली की संकरी गलियों की वजह से इन इलाकों में दंगाईयों को काबू करने के लिए ऑपरेशन में थोड़ी मुश्किल आ रही थी.

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आपको बता दें कि पिछले दो दिनों से नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में भारी हिंसा के चलते एक पुलिस कांस्टेबल सहित 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 186 लोगों के घायल होने की खबर है. दिल्ली पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों में नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की तैनाती की है. इन दंगों को काबू करने के लिए दिल्ली में सीआरपीएफ और आरएएफ की अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है.

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जाफराबाद में ऐसे बढ़ी हिंसा
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुए हिंसक टकराव ने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में रोजगार पर बुरा असर डाला है. सीलमपुर से लेकर जाफराबाद तक मंगलवार को भी दुकानें बंद नजर आ रही हैं. दुकानदार डर रहे हैं कि दुकान खोलने पर उपद्रवी उन्हें निशाना बना सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ जाफराबाद में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मंगलवार को सभी लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है. महिलाओं ने माइक से ऐलान कर कहा कि एक जगह ज्यादा लोग इकठ्ठे न हो, इससे माहौल खराब होता है. वहीं मौजपुर मेट्रो स्टेशन की ओर भारी संख्या में पुलिस बल को रवाना किया गया है और एक फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाड़ी को भी वहां भेजा गया है.

मंगलवार को घायलों की संख्या 180 के पार पहुंची

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध के नाम पर शुरू हुई हिंसा खतरनाक रूप लेती जा रही है. मंगलवार को तीसरे दिन भी सुबह से हिंसा शुरू हो गई. मंगलवार को मौजपुर (Mauzpur) और ब्रह्मपुरी (Brahmpuri) इलाके में पत्थरबाजी (Stone Pelting) शुरू हो गई. इस हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और घायलों की संख्‍या 180 पार कर चुकी है. मंगलवार को सुबह-सुबह पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया. दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) का कहना है कि सोमवार देर रात से लेकर सुबह तक मौजपुर और आस-पास के इलाकों से आगजनी के 45 कॉल आए, जिसमें दमकल की एक गाड़ी पर पथराव किया गया. दमकल की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें तीन दमकलकर्मी घायल हुए है.

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आपको बता दें कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग के तर्ज पर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर महिलाएं धरने पर बैठी हुई थी. लेकिन सोमवार को ये प्रदर्शन हिंसक प्रदर्शन में बदल गया, जिसमें करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए. पुलिस के 37 जवान भी घायल हैं, वहीं एक हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई.

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