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दिल्ली: फर्जी तरीके से उगाही करने वाले रैकेट का भंड़ाफोड़, बड़े-बड़े नेताओं से था लिंक

इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के नाम पर ये गिरोह बिजनेस मैन और हाई प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाता था।

Updated on: 21 Oct 2016, 11:19 PM

highlights

  • इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट के नाम पर करते थे उगाही।
  • 1990 में दाउद को मुंबई में लक्जरी कार बेच चुका है।
  • इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (प्रवर्तन निदेशालय) के नाम पर करते थे उगाही।

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े एक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के नाम पर ये गिरोह बिजनेस मैन और हाई प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाता था। 200 करोड़ की जालसाजी के मामले में सरगना हो चुका है। गिरफ्तार मास्टर माइंड 500 लक्जरी कारों को स्टैम्प ड्यूटी बचा दुबई से इम्पोर्ट कर चुका है। गिरोह के सरगना एलेक्स को पहले भी CBI, DRI और ED गिरफ्तार कर चुकी है। मास्टर माइंड का पूरा नाम एलेक्स जोसफ। इनके पास से पुलिस ने 14 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कुछ सामान मिला है। जिसे ये लोग वारदात के समय इस्तेमाल करते थे। साथ ही ED (प्रवर्तन निदेशालय) के कुछ कागजात भी बरामद किये हैं।

नोटिस भेजकर करते थे ठगी-

पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह मनी लॉन्ड्रिंग जैसे केस में बड़े बिज़नेस मैन को फंसाने की बात करके डराते थे और इसके लिए बाकायदा फ़र्ज़ी ED की तरफ से नोटिस भेजते थे। इसके इस ग्रुप के कुछ लोग नक़ली ED के अधिकारी बन कर मामले को सेटल करने पहुंचते थे।

दुबई से शुरु किया काला कारोबार-

खास बात ये है कि जोसेफ ने सिर्फ पांचवी तक पढाई की है। 1987 में वो दुबई गया और फिर वही से ठगी का काला कारोबर शुरू किया। कीमती गाड़ियों को गैर कानूनी तरीके से आयात और निर्यात करने लगा। 25 साल पहले ये दिल्ली आया और 1993 में पहली बार ED ने इसको गिफ्तार किया था। उसके बाद 1999 के एक केस में ये भगोड़ा घोषित किया गया था।