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देश आज गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व कर रहा: PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य ने दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में भाग लिया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की

Updated on: 25 Nov 2022, 12:50 PM

New Delhi:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ), असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ( Assam CM Himanta Biswa Sarma ), राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य ने दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती ( 400th Birth Anniversary celebration of Lachit Barphukan ) समारोह में भाग लिया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उनपर लिखी किताब का विमोचन किया. 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि  हमें वीर लाचित की 400वीं जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य उस कालखंड में मिला है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. यह ऐतिहासिक महोत्सव असम के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है. वहीं, असम CM ने कहा कि जब औरंगजेब ने देश पर शासन किया तब छत्रपति शिवाजी, दुर्गादास राठौड, गुरु गोविंद सिंह, लाचित बरफूकन जैसे योद्धाओं ने उनको टिकने नहीं दिया... भारत में सिर्फ औरंगज़ेब, बाबर, जहांगीर, हुमायूं की कहानी नहीं बल्कि लाचित बरफूकन, छत्रपति शिवाजी, दुर्गादास, गुरु गोविंद सिंह की भी है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाचित बारफूकन भी ऐसे वीर थे। उन्होंने दिखाया कि कट्टरता और आतंक के हर आग का अंत हो जाता है, लेकिन भारत की जीवन ज्योती अमर बनी रहती है. जब कोई मुश्किल दौर, चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुई. हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संत और मनीषी आए। भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया.

PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं, विजय का इतिहास है. भारत का इतिहास अत्याचारियों के विरुद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास जय का है। भारत का इतिहास जंग का है, त्याग, तप का है...: PM के कहा कि वीर लाचित बारफूकन का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम व्यक्तिगत स्वार्थों को नहीं, देश हित को प्राथमिकता दें. उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हमारे लिए परिवारवाद, भाई-भतीजावाद नहीं बल्कि देश सबसे बड़ा होना चाहिए... कह सकते हैं कि कोई भी व्यक्ति, रिश्ता देश से बड़ा नहीं होता.

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