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निर्भया केस: SC ने कहा- जितना बर्बर गुनाह है, उससे लगता है मानो दूसरे ग्रह पर हुआ हो...10 खास बातें

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा पर शुक्रवार को मुहर लगा दी। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

Updated on: 05 May 2017, 11:32 PM

highlights

  • निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार
  • सुप्रीम कोर्ट में फैसले के वक्त बजी तालियां, ऐसा वाक्या शायद पहली बार हुआ
  • पीठ ने कहा, जितना बर्बर गुनाह है, उससे लगता है कि मानो ये किसी दूसरे ग्रह पर हुआ हो

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर बानुमति की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

निर्भया गैंगरेप मामले पर जैसे ही जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाया और कहा सुप्रीम कोर्ट, हाइकोर्ट के फैसले को सही मानता है (फांसी की सजा को बरकरार रखता है), कोर्ट रूम तालियां की गरगराहट से गूंज उठा।

ऐसा वाक्या शायद पहली बार हुआ है। जब सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की स्थिति बनी हो।

10 खास बातें:

1. जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'इस फैसले ने शोक की सुनामी पैदा की। जितना बर्बर ये गुनाह है, उससे लगता है कि मानो ये किसी दूसरे ग्रह पर हुआ हो। जिस तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया गया, वो सामाजिक विश्वास को तबाह करने वाला है।

2. जस्टिस ने कहा, 'जिस तरीके से लड़की की आंत को बाहर निकाला गया, उसके कपड़े फाड़े गए, उसको बाहर फेंका गया, वो बर्बरता की सारी हदें पार करने वाले है।'

3. जस्टिस बानुमति ने फैसले में कहा, 'अगर इस मामले में फांसी की सजा नहीं हो सकती, तो फिर किस मामले में होगी।' उन्होंने उम्मीद जताई कि निर्भया केस समाज के लिए आंखे खोलने का काम करेगा ताकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोका जा सके और उनकी गरिमा बरकरा रहे।

4. पीठ ने कहा कि यह मामला निश्चित रूप से जघन्यतम श्रेणी का है। पीठ ने कहा, 'जिस तरह के मामले में फांसी आवश्यक होती है, यह मामला बिल्कुल वैसा ही है।'

5. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के खिलाफ गंभीर परिस्थितियां उनके बचाव में गिनाई गई परिस्थितियों पर बहुत भारी हैं।

6. 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में 6 लोगों ने 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा के साथ चलती बस में गैंगरेप किया था। जिसके कुछ दिनों बाद छात्रा की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

7. इस मामले में छह आरोपी थे, जिनमें से पांचवें आरोपी ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और एक आरोपी नाबालिग था, जिसे छह महीने सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया है।

8. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने चारों को गैंगरेप और हत्या के लिए दोषी करार दिया था और 13 सितंबर, 2013 को चारों को हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में दोषियों ने याचिका दाखिल की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

9. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भया के माता-पिता ने खुशी जताई जताई है। निर्भया के पिता बद्री सिंह ने कहा, 'देर लगी जरूर लेकिन न्याय मिला, अब कोई गिला नहीं। वहीं निर्भया की मां ने कहा, 'सबको थैंक्स कहना चाहती हू्ं, सबको इंसाफ मिल है।' केंद्र सरकार, सभी राजनीतिक दलों और तमाम सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है।

10. निर्भया गैंगरेप के गुनहगार के वकील एपी सिंह ने फैसले पर नाखुशी जताई है। सिंह ने कहा, 'न्याय नहीं हुआ। हम सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद समीक्षा याचिका दाखिल करेंगे।'

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