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दिल्ली के चर्चित तंदूर हत्याकांड में हाई कोर्ट ने दिया मुख्य दोषी सुशील शर्मा की रिहाई का आदेश

23 साल पहले दिल्ली के गोल मार्केट में हुए तंदूर हत्या कांड मामले में मुख्य दोषी पाए गए सुशील शर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा कर कर दिया है.

Updated on: 21 Dec 2018, 05:24 PM

नई दिल्ली:

23 साल पहले दिल्ली के गोल मार्केट में हुए तंदूर हत्या कांड मामले में मुख्य दोषी पाए गए सुशील शर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट ने रिहा कर कर दिया है. इससे पहले सुशील शर्मा को मिली फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था. सुशील शर्मा पर अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर उसके शरीर को तंदूर में डालकर जलाने का आरोप था जिसके बाद दोष सिद्ध होने पर वो करीब 23 सालों से जेल में बंद था. कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में सुशील शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

क्या था तंदूर कांड

बात 2 जुलाई 1995 की रात की है. सुशील शर्मा ने पहले अपनी पत्नी की हत्या की और शव को यमुना नदीं में फेंकने की योजना बनाई और आईटीओ पहुंच गया. लेकिन आईटीओ पर ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से वो शव को यमुना नहीं में नहीं फेंक पाया.

इसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए सुशील शर्मा कनॉट प्लेस स्थित अपने बगिया रेस्तरां पहुंचा और मैनेजर को छोड़कर पूरा रेस्तरां खाली करवा दिया. मैनेजर केशव को झूठी कहानी बताकर सुशील शर्मा ने उसे लाश को तंदूर में डालकर जलाने के लिए कहा. तंदूर का मुंह छोटा होने की वजह से पूरी लाश को उसमें जलाना मुश्किल हो रहा था इसलिए सुशील शर्मा ने मैनेजर केशव की मदद से पत्नी के शव के कई टुकड़े किए और उसे तंदूर में जलाने लगा. तंदूर में ज्यादा जगह नहीं हो पाने की वजह से शव जल नहीं रहा था इसलिए सुशील शर्मा ने मैनेजर केशव को मक्खन लाने को कहा ताकि आग को तेज कर शव को जल्दी जलाया जा सके.

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शव को ठिकाने लगाने की इस हड़बड़ाहट में सुशील शर्मा और केशव से एक गलती हो गई. तंदूर में मक्खन डालने की वजह से आग तेज हो गई और तंदूर से लपटे निकलने लगी. रेस्तरां के पास सब्जी बेचने वाली एक महिला अनारो की इस पर नजर पड़ गई और उसे लगा कि वहां आग लग गई है. अनारो ने तुरंत वहीं पास में ड्यूटी कर रहे दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को इसकी सूचना दी और जब सिपाही वहां पहुंचा तो इस पूरे तंदूर कांड की सच्चाई सामने आ गई.

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नैना साहनी से लव मैरिज करने वाला सुशील शर्मा ने उसी नैना के कई टुकडे कर उसे तंदूर में झोंक दिया. रेस्तरां मालिक और यूथ कांग्रेस के नेता से एक खतरनाक अपराधी बनने की सुशील शर्मा की कहानी बेहद डरावनी और चौंकानेवाली है. सुशील शर्मा को इस कृत्य के लिए कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन जेल में उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था.