दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की उस याचिका पर चुनाव आयोग और दिल्ली राज्य चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, जिसमें उसने आगामी नगर निगम चुनाव में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट या वीवीपीएटी) के अनुकूल ईवीएम के इस्तेमाल के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
मामले में नोटिस जारी करते हुए, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने उत्तरदाताओं से एक हलफनामा मांगा जिसमें वीवीपीएटी के साथ एम-2 ईवीएम की उपयुक्तता को स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने मामले को 7 अप्रैल के लिए फिर से अधिसूचित किया है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में किसी भी गड़बड़ी की संभावना से बचने के लिए चुनाव के लिए वीवीपैट मशीनों के इस्तेमाल के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट के बिना ईवीएम स्पष्ट रूप से गलत है और सत्ता पक्ष इसका फायदा उठा सकता है।
यह पोल वॉचडॉग (चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करने वाली संस्था) की पहले की प्रतिक्रिया की ओर इशारा कर रहा था, जिसमें उसने कहा था कि आगामी दिल्ली निकाय चुनाव में वीवीपीएटी के बिना एम-2 ईवीएम का उपयोग किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि याचिका का पालन नहीं किया जा सकता है और वह राज्य चुनाव आयोग को मांग के मुताबिक एम-2 ईवीएम मुहैया करा रहा है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में चुनाव आयोग ने कहा था कि यदि उपलब्ध हो तो पेपर ट्रेल्स वाली मशीनों का उपयोग करने में उसे कोई आपत्ति नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील राहुल मेहरा ने तर्क दिया कि प्रतिवादियों का रुख विरोधाभासी है। मेहरा ने कहा कि निकाय चुनाव करीब हैं और उत्तरदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट के 2014 के निर्देश के बावजूद अपना बुनियादी ढांचा विकसित नहीं किया है।
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए।
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Source : IANS