दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) की उस याचिका पर तीन फरवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य लोगों पर 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी को चुनौती देने वाले मामले में कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए 20 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने मामले को तीन फरवरी के लिए टाल दिया क्योंकि जूही
चावला के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को याचिका की प्रति नहीं दी गई थी। अदालत ने यह भी संज्ञान में लिया कि यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के समक्ष लंबित है।
डीएसएलएसए ने उसे 20 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया है। डीएसएलएसए की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सौरभ कंसल ने कहा कि आदेश का पालन अभी तक नहीं किया गया है।
देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला द्वारा दायर मुकदमे को पिछले साल चार जून को न्यायाधीश जेआर मिधा ने खारिज कर दिया था। उनकी याचिका में कहा गया है कि आरएफ विकिरण का स्तर मौजूदा स्तरों से 10 से 100 गुना अधिक है। जूही ने यह भी दावा किया कि 5जी वायरलेस तकनीक मनुष्यों पर अपरिवर्तनीय और गंभीर प्रभावों के लिए एक संभावित खतरा हो सकती है और यह पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
उच्च न्यायालय ने दो जून 2021 को जूही से सवाल किया था कि उन्होंने इस मामले में संबंधित विभाग में जाने के बजाए सीधे ही याचिका क्यों दायर की है। याचिकाकर्ताओं को यह भी कहा गया था कि उन्हें इस मामले में पहले सरकार के पास अपना पक्ष रखना चाहिए था। उच्च न्यायालय ने इस मामले की वर्चुअल सुनवाई का लिंक सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए जूही की आलोचना की थी।
इस मामले की वर्चुअल सुनवाई के दौरान कुछ लोग बालीवुड अभिनेत्री की फिल्मों के गीत गा रहे थे जिसे लेकर न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को ऐसे लोगों की पहचान करने तथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
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Source : IANS