दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टाटा मोटर्स लिमिटेड (टीएमएल) की ओर से दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दिल्ली सरकार की क्लस्टर योजना के तहत 450 बसों के संचालन के लिए इसकी बोलियों को मैन्युअल रूप से जमा करने की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी।
टीएमएल ने इस संबंध में एक तत्काल लिस्टिंग के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि मैनुअल सबमिशन 22 दिसंबर को दोपहर 3.54 बजे किया गया था।
करंजावाला एंड कंपनी के माध्यम से दायर टीएमएल की रिट याचिका को न्यायमूर्ति विपिन सांघी और जसमीत सिंह की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।
वकील नंदिनी गोरे, अदिति भट्ट, नेहा खंडेलवाल, राघवेंद्र प्रताप सिंह और करणवीर सिंह सहित करंजावाला एंड कंपनी की टीम की सहायता से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल जैन ने मामले की दलीलें दी।
पीठ ने कहा कि अगर दस्तावेजों को मैन्युअल रूप से जमा करने में देरी से टीएमएल को बोली प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो वह इस मुद्दे पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक है, यदि एक वैध ऑनलाइन बोली विधिवत समय पर जमा की गई है।
कोर्ट ने नोटिस जारी कर टीएमएल को अंतरिम राहत देते हुए सरकार के उस वचनपत्र में ध्यान दिया कि अगली सुनवाई 18 जनवरी 2022 से पहले किसी भी बोली लगाने वाले को ठेका नहीं दिया जाएगा।
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Source : IANS