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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया कठुआ गैंगरेप पीड़िता की पहचान बताने वाली सभी खबरों को हटाने का आदेश

कठुआ गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने वाले सभी खबरों को हटाने का आदेश दिया है।

Updated on: 29 May 2018, 06:16 PM

highlights

  • कठुआ गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
  • गैंगरेप पीड़िता की पहचना सार्वजनिक करने वाले खबरों को हटाने का आदेश

नई दिल्ली:

कठुआ गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने वाले सभी खबरों को हटाने का आदेश दिया है।

गैंगरेप की पीड़िता आठ साल की बच्ची की पहचान उजागर करने वाले मीडिया हाउस पर कोर्ट 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुकी है।

अदालत ने इन सभी मीडिया हाउस को जम्मू -कश्मीर पीड़ित मुआवजा कोष में रकम जमा कराने का आदेश दिया था।

मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को मुकर्रर की गई है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रासाना गांव में खानाबदोश समुदाय की एक आठ वर्षीय लड़की 10 जनवरी को लापता हो गई थी। उसका शव एक सप्ताह बाद उसी क्षेत्र से बरामद हुआ था।

मामले की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर की क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि आठ लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई को पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर चुका है।

मामले को राज्य से बाहर ट्रांसफर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह समय-समय पर मुकदमे की निगरानी करेगा। गैंगरेप मामले की सुनवाई रणबीर पैनल कोड के प्रावधानों के अंतर्गत चलेगा, जो कि जम्मू-कश्मीर की अपराध संहिता है।

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