दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सेंट स्टीफंस कॉलेज द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के इस बयान के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई टाल दी जिसमें कहा गया था कि ईसाई कोटे की 50 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश केवल केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंकों के आधार पर मिलेगा, जिसमें कोई साक्षात्कार नहीं होगा और शैक्षणिक सत्र 2023 में साक्षात्कार के लिए 15 प्रतिशत अंक जोड़ने की अनुमति दी जा रही है।
संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित होने के कारण हाईकोर्ट ने सुनवाई 23 अगस्त तक के लिए टाल दी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम् प्रसाद भी शामिल हैं, ने जीसस एंड मैरी कॉलेज द्वारा इसी तरह की याचिका की सुनवाई भी निर्धारित की। साथ ही सेंट स्टीफंस कॉलेज में सीयूईटी के अलावा अल्पसंख्यक छात्रों के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया को चुनौती देने वाली महिला शेरोन एन जॉर्ज द्वारा दायर याचिका की सुनवाई भी तय की।
पीठ ने स्वीकार किया कि सेंट स्टीफंस में प्रवेश से संबंधित फैसले के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के कारण तीनों मामलों का समाधान फिलहाल नहीं किया जा सकता है।
इसने पक्षकारों को सर्वोच्च न्यायालय से अपनी शिकायतों के लिए राहत प्राप्त करने की स्वतंत्रता प्रदान की।
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Source : IANS