दिल्ली हाईकोर्ट ने डाउरी कैलकुलेटर नाम की एक व्यंग्यात्मक वेबसाइट के मालिक पत्रकार तनुल ठाकुर की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
ठाकुर ने 2011 में वेबसाइट बनाई थी।
तत्कालीन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 20 जून, 2022 के संचार और एक अंतर-मंत्रालयी समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया था कि वेबसाइट को अवरुद्ध रहना चाहिए। उसने सरकार और याचिकाकर्ता को अपनी लिखित प्रस्तुतियां दर्ज करने के लिए कहा, और मामले को 15 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
ठाकुर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने दहेज की सामाजिक बुराई को उजागर करने के लिए वेबसाइट शुरू की, ताकि लोग दहेज लेना बंद कर दें, लेकिन सरकार का कहना है कि इससे दुनिया की नजरों में भारत की बदनामी होगी।
उन्होंने कहा, यह एक स्टैंडअप कॉमिक की तरह है जो एक सामाजिक बुराई का मजाक उड़ाता है और लोगों को इसका पालन नहीं करने देता है। कठिनाई यह है कि जब हम सब कुछ इतने शाब्दिक रूप से लेना शुरू करते हैं, तो मंत्रालय कहता है कि नहीं इससे दुनिया की नजरों में भारत की बदनामी होगी।
वकील ने कहा, यह एक मुफ्त वेबसाइट है, शून्य राजस्व.. यह एक आईना चमकता है। ऐसा लगता है कि वे (सरकार) कह रहे हैं कि अगर हम शब्द सुनना बंद कर देंगे तो दहेज खत्म हो जाएगा।
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Source : IANS